बाईपास सर्जरी के बाद महिला को मिला नया जीवन
- मधुमेह रोग से पीड़ित महिला के दिमाग को 10 मिनट तक नहीं हुई ऑक्सीजन की सप्लाई, शून्य पर
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
30 मिनट तक धड़कन बंद होने के बाद फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों की टीम ने 50 वर्षीय महिला की बाईपास सर्जरी कर नया जीवन दिया है। इस दौरान 10 मिनट तक मरीज के दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो गई थी, वहीं ब्लड प्रेशर शून्य पर पहुंच गया था। डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी के दिमाग में चार मिनट तक ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होती है तो वह दिमागी तौर पर मृत हो जाता है। मेडिकल क्षेत्र में इसे चमत्कार माना जा रहा है।
अस्पताल के एसोसिएट डायरेक्टर (कार्डिक सर्जरी) एसएन खन्ना ने बताया कि मधुमेह रोग से पीड़ित 50 वर्षीय सरस्वती देवी कुछ माह पहले सीने में दर्द की शिकायत के साथ हमारे पास आई थी। इस दौरान उनकी एंजियोग्राफी की गई तो पता चला कि उन्हें तत्काल बाईपास सर्जरी की जरूरत है। बीते दिनों जब उन्हें ऑपरेशन के लिए ले जाया जा रहा था उससे पहले ही उन्हें हार्ट अटैक आ गया और उनका ब्लड प्रेशर शून्य पर पहुंच गया। जिसके बाद उन्हें कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (सीपीआर) दिया जाने लगा, लेकिन 20 मिनट तक सीपीआर देने के बाद भी उनकी तबीयत में कोई सुधार नजर नहीं आया। इसके बाद हमारी टीम ने मरीज की बाईपास सर्जरी करने का मन बनाया, लेकिन चुनौती यह थी कि एनेस्थीसिया के साथ सीपीआर निरंतर नहीं दिया जा सकता। जबकि बाईपास सर्जरी के दौरान सीने में चीरा लगाने में 20 मिनट का समय लगता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने सीपीआर को बंद रखते हुए 10 मिनट में ही चीरा लगाने में सफलता पाई। इस पूरी अवधि में मरीज की धड़कन बंद थी और बाकी अंगों को भी ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। डॉ. खन्ना ने बताया कि इस दौरान हमें बहुत तेजी से काम करना पड़ा क्योंकि मरीज के दिमाग को क्षति पहुंचने की संभावना ज्यादा थी। जब हमने सर्जरी पूरी की और मरीज को होश आया तो उनके दिमाग को काई क्षति नहीं हुई थी। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।