Move to Jagran APP

जानें- किस PM ने क्लिंटन से कहा था- कल का सूरज नहीं देख पाएगा पाकिस्तान

नवाज शरीफ ने कहा था कि उन्हें अंदेशा है कि पाकिस्तान सेना कहीं परमाणु का इस्तेमाल न कर दे।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 26 Nov 2017 11:54 AM (IST)Updated: Mon, 27 Nov 2017 01:31 PM (IST)
जानें- किस PM ने क्लिंटन से कहा था- कल का सूरज नहीं देख पाएगा पाकिस्तान
जानें- किस PM ने क्लिंटन से कहा था- कल का सूरज नहीं देख पाएगा पाकिस्तान

गुरुग्राम (जेएनएन)। आज (रविवार) को मुंबई हमले (26/11) की 9वीं बरसी है। इतने सालों बाद भी मुंबई आतंकी हमले को कोई भुला नहीं पाया है। हमले में शहीद हुए जवानों और आम नागरिकों को आज पूरा देश याद कर रहा है। मंबई हमले के तत्काल बाद पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई की बात उठी थी। वहीं, कारगिल युद्ध के दौरान स्ट्राइक कोर कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) राज कादयान ने दैनिक जागरण से बातचीत में खुलासा किया कि कारगिल युद्ध के दौरान भी भारत-पाक के बीच भीषण युद्ध के हालात बने थे। भारत की नाराजगी और गुस्से के मद्देनजर पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मिलने पहुंचे थे।

loksabha election banner

नवाज शरीफ ने क्लिंटन से मुलाकात के दौरान कहा था कि उन्हें अंदेशा है कि पाकिस्तान सेना कहीं परमाणु का इस्तेमाल न कर दे। इस पर क्लिंटन ने वाजयेयी से बात की थी। वाजपेयी के जवाब ने पाकिस्तान ही नहीं, अमेरिका के होश उड़ा दिए थे।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को परमाणु बम का इस्तेमाल करने दें। भारत का कुछ बिगड़ेगा लेकिन अगला सूर्योदय पाकिस्तान नहीं देख पाएगा। आज नहीं तो कल पाकिस्तान को सबक सिखाने के बारे में निर्णय लेना ही होगा।

इससे पहले गुरुग्राम सिविल लाइंस में स्वतंत्रता सेनानी भवन परिसर स्थित शहीद स्मारक पर मुंबई आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। यहां पर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) राज कादयान, मुंबई आतंकी हमले के दौरान आपरेशन का नेतृत्व करने वाले कैप्टन अनिल जाखड़ के पिता मेजर (रिटा.) ईश्वर सिंह जाखड़, आपरेशन में भाग लेने वाले कमांडो सुनील यादव व अन्य मौजूद रहे।

जानें मुंबई पर आतंकी हमलों की कहानी, यहां पर हुए थे हमले

छत्रपति शिवाजी टर्मिनसः 26/11 को आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर बड़ा हमला किया था। मुंबई के व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में से एक होने के चलते उस रात आतंकी कसाब और इस्माइल ने यहां बेगुनाह लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थी। इसमें तकरीबन 60 लोगों की जान गई थी।

कामा अस्पतालः छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के बाद आतंकियों ने दूसरा बड़ा हमला कामा अस्पताल पर किया था। अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों की सूझबूझ के कारण आतंकी यहां बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा सके थे। बताया जाता है कि आतंकी कसाब और इस्माइल कामा अस्पताल में भी सीएसटी जैसा ही तांडव मचाने पहुंचे थे।

ताजमहल होटलः छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के बाद आतंकियों ने सबसे ज्यादा नुकसान गेटवे ऑफ इंडिया के पास का ताजमहल होटल में पहुंचाया था। आतंकियों और भारतीय सुरक्षा बलों के बीच यहां करीब 3 दिनों तक संघर्ष चला। आतंकियों ने मुंबई के इस प्रसिद्ध होटल में भी लोगों को बंधक बना लिया था।

नरीमन हाउसः आतंकियों ने इस्राइली मूल के लोगों को निशाना बनाने के लिए नरीमन हाउस की बिल्डिंग को चुना था। नरीमन हाउस की इस बिल्डिंग में ज्यादातर इजरायली मूल के नागरिक रहते हैं।

लियोपॉड कैफेः विदेशी पर्यटकों के बीच मुंबई के लियोपॉड कैफे पर हमला किया था।

यह भी पढ़ेंः मुंबई में कैसे, कब, क्या हुआ 26/11 की रात, जानें हमले से कसाब की फांसी तक पूरी दास्तां


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.