करीब एक वर्ष बाद रखी जाएगी जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला
मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही एयरपोर्ट की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने का रास्ता साफ हो जाएगा। इसके लिए ग्लोबल निविदाएं निकाली जाएंगी।
नोएडा (जेएनएन)। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला करीब एक वर्ष बाद रखी जाएगी, क्योंकि हवाई अड्डे की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट एक साल में तैयार हो जाएगी। तकनीकी फिजिबिलटी रिपोर्ट तैयार कराने के लिए सलाहकार एजेंसी के चयन का प्रस्ताव बनाकर प्राधिकरण ने नागरिक विमानन निदेशालय को भेज दिया है।
निदेशालय से मंजूरी मिलने के बाद प्राधिकरण एजेंसी के चयन के लिए आवेदन आमंत्रित करेगा। एजेंसी के चयन के लिए प्राधिकरण ने शर्तें तय की हैं। एजेंसी को दस वर्ष का अनुभव, पांच सौ करोड़ के सालाना कारोबार के साथ ही कम से कम पंद्रह सौ करोड़ रुपये लागत वाले इस तरह के प्रोजेक्ट को पूरा किया होना चाहिए।
प्रदेश सरकार ने यमुना प्राधिकरण को जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया है। प्राधिकरण की कोशिश है कि हवाई अड्डे के निर्माण से पूर्व की प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जाए, ताकि निर्माण कार्य शुरू होने में अधिक समय न लगे।
ऐसे में तकनीकी फिजिबिलटी रिपोर्ट तैयार कराने के लिए सलाहकार एजेंसी के चयन के लिए इसी सप्ताह आवेदन मांगने की तैयारी है। हालांकि हवाई अड्डे के लिए पहले भी दो बार 2004 व 2008 में एल एंड टी-रामभूल कंपनी से तकनीकी फिजिबिलटी रिपोर्ट तैयार कराई गई थी।
एजेंसी को ट्रैफिक डिमांड, हवाई अड्डे पर अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन की संभावनाओं के बारे में भी सुझाव देना होगा। फिजिबिलटी रिपोर्ट को पर्यावरण मंत्रलय को भेजकर अनापत्ति ली जाएगी।
मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने का रास्ता साफ हो जाएगा। इसके लिए ग्लोबल निविदाएं निकाली जाएंगी।
एयरपोर्ट का नाम मिहिर भोज रखने के लिए विधायक ने भेजा पत्र
जेवर के भाजपा विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने जेवर एयरपोर्ट का नाम सम्राट मिहिर भोज रखने के लिए प्रदेश सरकार को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर एयरपोर्ट का नाम रखा जाना चाहिए।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि सलाहकार एजेंसी के चयन के लिए आवेदन मांगने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। इसे नागरिक उड्डयन निदेशालय को भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलने पर एजेंसी चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।