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कांवड़ियों की चहलकदमी से गेरुई हुई सड़कें, आज होगा जलाभिषेक

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : शुक्रवार को शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 01:01 AM (IST)
कांवड़ियों की चहलकदमी से गेरुई हुई सड़कें, आज होगा जलाभिषेक
कांवड़ियों की चहलकदमी से गेरुई हुई सड़कें, आज होगा जलाभिषेक

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : शुक्रवार को शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए एक दिन पूर्व सभी कांवड़िए हरिद्वार से लंबी दूरी तय कर क्षेत्र में लगे कांवड़ शिविर पहुंचने लगे हैं। यहां उनका भव्य स्वागत किया जा रहा है। उनके नहाने, खाने, सोने से लेकर तमाम अन्य सुविधा का प्रबंध किया गया है। जगह-जगह लगे कांवड़ शिविरो में 'बम-बम भोले' की गूंज सुनाई दे रही है। इस बार कांवड़ियों में महिला व बच्चों की संख्या भी कम नहीं थी। शाम को क्षेत्र की सड़कों पर डाक कांवड़, रथ कांवड़ व पालकी कांवड़ लेकर कांवड़िए जगह-जगह नजर आए। इस बार कांवड़ में आकर्षण का केंद्र तिरंगा झंडा बना हुआ था, जो शिवभक्ति के साथ देशभक्ति का भी संदेश दे रहा है।

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गेरुआ रंग में रंगी सड़कें

सुभाष नगर, जनकपुरी, पालम, उत्तम नगर, दशरथपुरी, चाणक्य प्लेस, विकासपुरी आदि स्थानों पर कांवड़ियों के लिए शिविर का इंतजाम किया गया है। जगह-जगह कांवड़ियों से क्षेत्र में रौनक का माहौल है। हर तरफ गेरुआ रंग के परिधानों में कांवड़िए ही कांवड़िए नजर आ रहे हैं। शाम होते होते लगभग क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा गेरुआ रंग में रंग जाता है। कांवड़ शिविर रंग-बिरंगे कांवड़ से लदे हुए थे। भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया। शिविरों में कलाकारों ने तांडव, मां पार्वती व शिव की कथा पर नृत्य की पेशकश की।

खुशी-खुशी हुआ परिवार से मिलन

जलाभिषेक से पहले कांवड़िए घर नहीं जा सकते, ऐसे में परिजन खुद आकर शिविर में अपने लोगों से मिलते हैं। करीब एक हफ्ते बाद कांवड़ियों को अपने परिवार से मिलकर काफी खुशी हुई। परिजन उनके लिए फल व खाना लेकर शिविर पहुंचे। हालांकि, शिविर में भी सामाजिक संस्थाओं की ओर से विशेष बंदोबस्त किया गया है।

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मंदिरों को भी सजाया

शिवरात्रि के लिए क्षेत्र के मंदिरों को फूल व गुब्बारों से सजाया गया। वहीं, भगवान की मूर्तियों का भव्य श्रृगांर किया गया। साथ ही जलाभिषेक के लिए पानी का काफी बंदोबस्त किया गया है। भक्तों की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए। बाजारों में भी शाम के समय रौनक का माहौल बना रहा। नारियल, फूल, फल, दूध, बेलपत्र आदि पूजा सामग्री लेने के लिए महिलाओं ने बाजार का रुख किया।


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