वर्षा जल संचयन न करने पर अब चुकानी पड़ेगी पानी की भारी कीमत
रणविजय सिंह, नई दिल्ली राजधानी में गिरते भूजल स्तर के मद्देनजर दिल्ली जल बोर्ड द्वारा वर्षा जल
रणविजय सिंह, नई दिल्ली
राजधानी में गिरते भूजल स्तर के मद्देनजर दिल्ली जल बोर्ड द्वारा वर्षा जल संचयन यंत्र लगाने की समयसीमा बार-बार बढ़ाए जाने के बावजूद लोग नहीं चेते। लिहाजा, जल बोर्ड ने भी सख्ती दिखाने का मन बना लिया है और तय किया है कि वर्षा जल संचयन यंत्र नहीं लगाने वालों से पानी का डेढ़ गुना अधिक बिल वसूल किया जाएगा। इसके दायरे में 500 वर्ग से बड़े भूखंडों में बने रिहायशी व व्यावसायिक भवन हैं। इसलिए वर्षा जल संचयन यंत्र नहीं लगाने वाले बड़े भवनों के मालिकों व व्यावसायिक संस्थानों को पानी की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्हें जुलाई का पानी का बिल बढ़ा हुआ मिलेगा।
हालांकि, उपभोक्ताओं के सामने वर्षा जल संचयन यंत्र लगाकर पानी के बिल में 10 फीसद का छूट पाने का विकल्प बरकरार है। यह उपभोक्ताओं पर निर्भर है कि वे वर्षा जल संचयन कर पानी के बिल में छूट का हकदार बनते हैं या पानी का महंगा बिल भरना पसंद करते हैं। उल्लेखनीय है कि जल बोर्ड ने जल संचयन यंत्र की आसान डिजाइन भी तैयार की है। ताकि लोग आसानी से वर्षा जल संचयन के लिए रिचार्ज पिट बना सकें। 500 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड के भवनों में वर्षा जल संचयन यंत्र नहीं लगाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। जल बोर्ड पिछले दो साल से उपभोक्ताओं को वर्षा जल संचयन यंत्र लगाने का समय दे रहा था। इसे लगाने के लिए आखिरी बार समयसीमा 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून निर्धारित की गई थी। तब तक उपभोक्ताओं को जुर्माने से राहत दी गई थी। इसके अलावा जल बोर्ड वर्षा जल संचयन करने पर पानी के बिल में 10 फीसद की छूट भी देता है। इसके बावजूद वर्षा जल संचयन यंत्र लगाने में उपभोक्ता खास रुचि नहीं ले रहे। दिल्ली जल बोर्ड के करीब 23 लाख उपभोक्ता हैं, जिसमें से करीब 15,000 उपभोक्ता 500 वर्ग मीटर या उससे बड़े भूखंड की संपत्तियों के दायरे में आते हैं। इसमें ज्यादातर व्यावसायिक इस्तेमाल वाले उपभोक्ता (फैक्ट्री, सरकारी व निजी विभागों के कार्यालय, अस्पताल, स्कूल) हैं। अभी तक सिर्फ 93 उपभोक्ता ही वर्षा जल संचयन कर पानी के बिल में छूट का लाभ पा रहे हैं। जल बोर्ड का कहना है कि वर्षा जल संचयन यंत्र लगाने के लिए अब समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। इसे नहीं लगाने वालों को जुर्माने के रूप में पानी का डेढ़ गुना बिल भेजा जाएगा।
भूजल दोहन अधिक, जल संरक्षण कम
दिल्ली में हर साल 392 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) भूजल का दोहन होता है। इसके मुकाबले हर साल मात्र 287 एमसीएम पानी ही रिचार्ज किया जाता है। इस तरह करीब 105 एमसीएम भूजल का दोहन अधिक होता है। भूजल दोहन अधिक व जल संरक्षण कम होने से भूगर्भ का जल स्तर नीचे गिर रहा है।