अमानतुल्लाह-केजरीवाल की नजदीकी से 'विश्वास' कमजोर
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईद के मौके पर पार्टी से निलंबित ओखला से विध
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईद के मौके पर पार्टी से निलंबित ओखला से विधायक अमानतुल्लाह के घर जाकर उन्हें बधाई दी। इससे जाहिर है कि अमानतुल्लाह के लिए अब भी उनके दिल में जगह है। साथ ही इससे इस बात को भी बल मिल रहा है कि कुमार विश्वास के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के दरवाजे जल्द ही बंद होने वाले हैं।
अमानतुल्लाह ने विश्वास पर भाजपा के एजेंट होने का आरोप लगाया था, जिसकी जांच चल रही है। इसके बाद समर्थकों संग विश्वास ने पार्टी में बवाल काटा था, जिसके परिणाम स्वरूप विधायक को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े आरोप के बाद भी विधायक केजरीवाल के करीबियों में शामिल हैं।
अमानतुल्लाह के अलावा पार्टी में मुस्लिम बिरादरी से और भी विधायक हैं, लेकिन केजरीवाल का इनके यहां जाने की अहमियत को समझा जा सकता है। इससे कुछ दिन पहले भी विधायक की अध्यक्षता में हुए रोजा इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा पार्टी के जिस कार्यकर्ता विकास योगी ने तीन दिन पहले लंबा पत्र लिखकर विश्वास पर आरोपों की झड़ी लगाई थी, उसके जन्मदिन पर 26 जून को केजरीवाल ने ट्वीट कर उसे बधाई दी थी। वहीं, मुख्यमंत्री ने अपनी ओर से आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में विश्वास को नहीं बुलाया।
चूंकि, विश्वास इस वक्त राजस्थान के प्रभारी के तौर पर पार्टी में काम कर रहे हैं। 25 जून को जयपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया गया था, जिसके लिए उन्होंने अपने स्तर पर प्रचार भी किया था। केजरीवाल के चेहरे वाले फोटो भी ट्विटर समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किए थे। इसके बावजूद मुख्यमंत्री समेत सोशल मीडिया पर सक्रिय दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने विश्वास के किसी भी पोस्ट को न तो री-ट्वीट किया और न ही शेयर। मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, आशीष खेतान, दिलीप पाडेय, गोपाल राय और आशुतोष जैसे प्रमुख नेताओं ने सम्मेलन से दूरी बनाए रखी। बड़ी बात यह है कि आधिकारिक रूप से पार्टी भी इस मामले पर बोलने को तैयार नहीं है।
दरअसल, पार्टी में विश्वास को लेकर जमकर विरोध चल रहा है, जो कई बार सामने भी आ चुका है। अमानतुल्लाह के बाद दिलीप पाडेय, दीपक वाजपेयी, विकास योगी और वंदना समेत कई अन्य ने खुलकर इस पर अपनी बात रखी है। वहीं, विश्वास भी इशारे-इशारे में चार-पाच लोगों के पार्टी पर हावी होने की बात कहते रहे हैं।