अतिक्रमणकारियों का दुस्साहस, नाला तक कब्जाया
सचिन त्रिवेदी, पूर्वी दिल्ली अतिक्रमणकारियों का दुस्साहस निरंतर बढ़ता जा रहा है, वह किसी की निजी
सचिन त्रिवेदी, पूर्वी दिल्ली अतिक्रमणकारियों का दुस्साहस निरंतर बढ़ता जा रहा है, वह किसी की निजी भूमि से लेकर सरकारी भूमि तक कब्जाने से नहीं चूक रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर पूर्वी दिल्ली की श्रीराम कॉलोनी का नाम शामिल है, जहां अतिक्रमणकारियों ने रिलीफ ड्रेन कहलाने वाले बड़े लाने तक को कब्जे से अछूता नहीं रखा। यह ऐसा नाला है जहां से करावल नगर विधानसभा की तमाम कॉलोनियों से निकलने वाला दूषित पानी होकर गुजरता है। मगर वर्तमान समय में यहां अतिक्रमणकारियोंने इस नाले की भूमि को भी न सिर्फ कब्जा लिया है, बल्कि उसपर कई मंजिल के घर भी बना लिए हैं। नाला किसी समय 12 फुट का हुआ करता था लेकिन आज महज तीन से चार मीटर का ही रह गया है।
रिलीफ ड्रेन की भूमि पर कई जगह अवैध निर्माण अब भी बेरोकटोक चल रहा है। इस बारे में शिकायत मिलने पर अधिकारियों ने जो कदम उठाएं हैं, वह नाकाफी हैं। प्रशासनिक पड़ताल व कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया की गति भी काफी धीमी है, जिसमें अवैध कब्जे वाली भूमि का निर्धारण होने की योजना बनते-बनते कई मंजिल की इमारतें खड़ी हो गई हैं। यहां विभागों के बीच आपसी तालमेल के अभाव में कब्जा हटाने की दिशा में काम कछुआ गति से चल रहा है, वहीं भूमाफिया की सक्रियता से अतिक्रमणकारियों का दुस्साहस तेजी से बढ़ रहा है। कई जगह तो 25 गज के मकान में पहली मंजिल के छज्जे को बढ़कार उसपर बहुमंजिला इमारत खड़ी कर ली है, जो कि सुरक्षा की ²ष्टि से भी काफी खतरनाक है। वहीं, नाले से निकासी बाधित होने की वजह से बरसात में दूषित पानी वापस कॉलोनी की ओर लौट जाता है।
समस्या से जूझती यह कॉलोनियां
मामला ¨सचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के रिलीफ ड्रेन का है, जो श्रीराम कॉलोनी, सोनिया विहार, चमन विहार, सीआरपी कैंप, दिल्ली पुलिस ट्रे¨नग स्कूल, सरला विहार, इनाम विहार, सभापुर गांव के हजारों घरों से निकलने वाले दूषित पानी की निकासी का एकमात्र साधन है। इस नाले को पक्का बनाने के लिए नौ करोड़ रुपये की लागत से योजना विभाग में विचाराधीन है। मगर इसपर निरंतर कब्जा कर अवैध निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके चलते जहां पुस्ता रोड से नीचे तीन मीटर की सर्विस रोड, चार मीटर में नाला व दोनों ओर दीवार, आवासीय क्षेत्र की ओर डेढ़ फुट का पैदल चलने का रास्ता शामिल है। इस तरह से यहां नाले व उसके आसपास तीस फुट के स्थान में से दस फुट पर कब्जा हो गया है। आलम यह है कि कब्जा करने वालों ने बिजली के खंभे तक घरों में ले लिए हैं और बीएसईएस लोगों की सुरक्षा को देखते हुए मजबूरी में खंभे दूसरी ओर शिफ्ट करने का मन बना रही है।
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- यह मामला हमारे संज्ञान में है। इसके लिए हमने संबंधित विभाग को कब्जा का शिकार हुई भूमि के निर्धारण के लिए लिखा है। इसके बाद जो मकान निर्धारित सीमा से आगे बना लिए गए हैं उनपर निश्चित रूप से सख्त कार्रवाई कर ढहाया जाएगा। किसी अतिक्रमणकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
- अनिल सिरोही, एसडीएम, सीलमपुर।