कवि को चार से नहीं मिल रही पेंशन, मंत्री ने की मुलाकात
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : चार साल से पेंशन के लिए जद्दोजहद कर रहे उर्दू के मशहूर कवि असरार ज
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : चार साल से पेंशन के लिए जद्दोजहद कर रहे उर्दू के मशहूर कवि असरार जामई (80) से सोमवार को दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र गौतम ने जामिया नगर स्थित उनके घर पर जाकर मुलाकात की। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द से उनकी पेंशन शुरू की जाए। असरार पिछले चार साल से अपने जीवित होने के जो दस्तावेज अधिकारियों को दे रहे थे, मंत्री ने उनसे वह दस्तावेज भी लिए। राजेंद्र गौतम ने बताया कि इस महीने के अंत तक पेंशन को लेकर कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी, जिससे कि अगले महीने से उन्हें पेंशन मिलने लगे।
मूलरूप से बिहार के पटना निवासी असरार जामई ने विवाह नहीं किया है। उनका कोई रिश्तेदार भी नहीं है, जो मदद कर सके। जामई ने बताया कि जामिया मिलिया से स्नातक करने के बाद उन्होंने बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनिय¨रग की पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने उर्दू में कविताएं लिखना शुरू की। उनकी कई कविताएं काफी प्रसिद्ध हुई। उनका काफी लंबा वक्त पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के साथ बीता।
उनकी पेंशन 22 मार्च 2013 से बंद है। उन्होंने स्थानीय समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को कई बार अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र दिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था।
जामई की कुछ कविताएं
कोर्ट से इंसाफ होगा जामई
किस ख्याले खाम में हो आज कल
एक मुद्दत झूठ बोलें जो वकील
जज बनाते हैं उसी को आज कल।
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एक एमपी जी ने डांटा, एक चपरासी को जब
बोला यूं डांटो न तुम, सरकार के सर्वेट को
पांच साला जिंदगी पे, ये अकड़ और ये गुरूर
टेंपरेरी हो के, धमकाते हो परमानेंट को।