कोठे पर मस्ती करने गए तीन पुलिसकर्मियों व डॉक्टर पर मुकदमा
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली जीबी रोड के रेड लाइट एरिया में कोठा नंबर 64 पर मौज मस्ती करने पहुंचे न
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली
जीबी रोड के रेड लाइट एरिया में कोठा नंबर 64 पर मौज मस्ती करने पहुंचे नशे में धुत दिल्ली पुलिस के तीन कर्मियों व राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक डॉक्टर ने जमकर हंगामा किया। आरोपियों ने पहले कोठा खुलवाने के लिए वहां के कर्मचारियों के साथ मारपीट की और फिर सूचना पर पहुंचे पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ डाली। शिकायत पुलिस मुख्यालय तक पहुंचने पर चारों के खिलाफ कमला मार्केट थाने में पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने व सरकारी काम में बाधा डालने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। जांच में दोषी पाए जाने पर उन्हें नौकरी से बर्खास्त भी किया जा सकता है।
जिन तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर मोहित कुमार चौधरी, सिपाही सुमित शर्मा व नीतिश कुमार है। मोहित की तैनाती पुलिस प्रशिक्षण सेंटर, सुमित की लाइसेंसिंग यूनिट व नीतिश की पीसीआर में थी। चौथे आरोपी का नाम डॉक्टर नीतिश चौहान है। वह राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तैनात है। पुलिस के मुताबिक चारों हम उम्र हैं। वे एक-दूसरे को पहले से जानते हैं। घटना आठ दिन पुरानी है। चारों ने पहले कहीं पर देर रात तक शराब पी, फिर नशे में धुत होकर रात 2 बजे कार से मौज मस्ती करने जीबी रोड आ गए। उस समय कोठा नंबर 64 बंद हो चुका था। चारों कोठा खोलने के लिए कर्मचारियों से झगड़ा करने लगे। झगड़े की सूचना पुलिस को मिली तो रात में पेट्रोलिंग कर रहा सिपाही दीप राम कोठे पर पहुंच गया। उसने जब चारों को शांत करने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसकी पिटाई कर दी, गालियां दी व वर्दी भी फाड़ दी। दीप राम ने कॉल कर सिपाही सुमित व जितेंद्र को वहां बुला लिया। चारों ने दोनों सिपाहियों की भी पिटाई कर दी। दो पीसीआर वैन ने किसी तरह चारो को काबू किया। मेडिकल कराने पर शराब पीने की पुष्टि हुई। पिटने वाले तीनों सिपाहियों की तरफ से शिकायत लिखवा कर पहले मामले को पेंडिंग में रखा गया। मध्य जिला के डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा ने मामले को रफा दफा करने की कोशिश की लेकिन बात मुख्यालय तक पहुंचने पर मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज करवा दिया गया।