गैस एजेंसी से हो रही थी सिलेंडर की कालाबाजारी
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली न्यू अशोक नगर में अवैध निर्माण की सूचना पर पहुंची जिला प्रशासन की टी
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली
न्यू अशोक नगर में अवैध निर्माण की सूचना पर पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने घरेलू गैस सिलेंडर की कालाबाजारी के एक बड़े खेल का पर्दाफाश किया है। टीम ने 62 गैस सिलेंडरों के साथ कई अन्य सामान जब्त किए हैं। हालांकि मौके पर मौजूद कर्मचारी धर्मवीर टीम को चकमा देकर फरार हो गया। शुरुआती जांच में पता चला है कि एक गैस एजेंसी सीधे तौर पर इसमें शामिल थी। यहां पर सिलेंडरों से गैस चोरी करने के साथ ऊंची कीमत पर खुले बाजार में सिलेंडर बेचे जाते थे। मयूर विहार के एसडीएम अजय अरोड़ा के निर्देश पर पुलिस ने वर्मा गैस एजेंसी के खिलाफ कालाबाजारी और लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपी धर्मवीर की तलाश जारी है।
जानकारी के मुताबिक गत बुधवार की शाम मयूर विहार के एसडीएम को सूचना मिली कि डी-107, मस्जिद वाली गली, न्यू अशोक नगर में अवैध निर्माण हो रहा है। इस पर उन्होंने तहसीलदार ताराचंद के नेतृत्व में एक टीम को मौके पर रवाना किया। टीम जब डी-107 पर पहुंची तो यहां निर्माणाधीन मकान के अंदर काफी संख्या में घरेलू गैस सिलेंडर मिले। यहां पर वर्मा गैस एजेंसी का एक टूटा हुआ बोर्ड भी मिला, इस पर लिखा हुआ था कि यहां पर सिलेंडर की खरीद-बिक्री होती है। इसके साथ ग्राहकों को गैस एजेंसी से मिलने वाली ब्लू बुक, सिलेंडर पहुंचाने की कई रसीदें मिलीं और वजन करने वाली मशीन मिली। मौके पर मौजूद धर्मवीर नामक शख्स से पूछताछ में उसने बताया कि यहां पर काफी समय से कालाबाजारी की जा रही थी। धर्मवीर वर्मा गैस एजेंसी का कर्मचारी है। एजेंसी का दफ्तर ए-62, चंद्र विहार, मंडावली में है। जबकि इसका अधिकृत गोदाम प्लाट नंबर-91, वसुंधरा एंक्लेव में है। जांच में पता चला है कि गैस एजेंसी के गोदाम से सिलेंडर निकलकर ग्राहकों तक पहुंचने से पहले यहां पहुंच जाते थे। यहां पर हर सिलेंडर से एक से दो किलो गैस निकालकर खाली सिलेंडरों में भरी जाती थी। बाद में ये सिलेंडर बाजार में ऊंचे दामों पर दुकानदारों को बेच दिए जाते थे। जिला प्रशासन ने पूरे मामले पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें कहा गया है कि मौके पर कई दस्तावेज मिले हैं जिससे पता चलता है कि वर्मा गैस एजेंसी की तरफ से यह कालाबाजारी की जा रही थी। रिपोर्ट में कर्मचारी धर्मवीर के अलावा गैस एजेंसी के संचालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को केस दर्ज करने की सिफारिश की गई है। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है।