अतिविशिष्ट अस्पताल में बुजुर्ग मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली बेहतर इलाज की आस में आने वाले बुजुर्गो को अस्पताल में चिकित्सक
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली
बेहतर इलाज की आस में आने वाले बुजुर्गो को अस्पताल में चिकित्सक से मिलने या जांच के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए जनकपुरी के अति विशिष्ट अस्पताल में विशेष इंतजाम किए गए हैं। बुजुर्ग मरीजों के लिए अस्पताल के भूतल पर सीनियर सीनियर सिटिजन केंद्र बनाया गया है। यहां एक ही जगह पर बुजुर्गो को सुविधाएं दी जा रही हैं। इलाज कराने आने वाले बुजुर्ग इस सुविधा से काफी खुश भी हैं।
अति विशिष्ट अस्पताल में अलग-अलग तलों पर अलग-अलग विभाग बने हैं, जहां इनकी ओपीडी चलती है। इन तलों पर जाने के लिए लिफ्ट भी लगे हैं, लेकिन कई बार किसी मरीज को इलाज के लिए एक से अधिक विभागों में जाने की जरूरत होती है। कई बुजुर्ग ऐसे भी होते हैं, जिनके साथ कोई तीमारदार नहीं होता है। ऐसे में बुजुर्गो के लिए समस्या बढ़ जाती है। इन बातों के मद्देनजर ही अस्पताल के भूतल पर ही बुजुर्गो के लिए ओपीडी लगाई जाती है। यहां सभी विभागों के चिकित्सक एक ही कमरे में बैठते हैं, ताकि बुजुर्गों को अलग अलग कमरे में इलाज के लिए न जाना पड़े। कई बार इलाज के दौरान कई तरह की जांच की आवश्यकता होती है। यह जांच अलग-अलग जगहों पर होती है। इस समस्या को भी ध्यान में रखते हुए बुजुर्गो के लिए यहां भूतल में ही एकीकृत जांच केंद्र बनाया गया है। यहां खून जांच से लेकर एक्सरे तक सभी जांच एक ही कमरे में होती है।
बुजुर्ग मरीजों से व्यवहार का दिया जाता है प्रशिक्षण
ओपीडी में बैठने वाले चिकित्सकों को बाकायदा इस बात का प्रशिक्षण दिया गया है कि वे बुजुर्गो के साथ कैसे पेश आएं। उनकी बातों को धैर्यपूर्वक सुनना ही उनकी आधी समस्याओं का इलाज है। उनकी ¨चताओं को कैसे दूर किया जाए, इस बात का भी चिकित्सक बड़ी कुशलता के साथ ध्यान रखते हैं।
बुजुर्गो को दी जाती है लंबे समय के लिए दवाई
आमतौर पर अस्पतालों में मरीजों को एक सप्ताह तक की दवाई दी जाती है, लेकिन यहां बुजुर्गो की मांग पर उन्हें एक बार में एक माह की दवा दी जाती है। इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है। इस सुविधा का मकसद यह है कि बुजुर्गो को दवा के लिए बार-बार अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़े। जो मरीज दिल्ली के बाहर से आते हैं वह लोग वीडियो कॉल के माध्यम से भी हर माह चिकित्सकों से संपर्क कर सकते हैं, ताकि उन्हें अस्पताल के बार-बार चक्कर न लगाना पड़े।