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मुश्किल से कटी रात, अब नतीजे का इंतजार

सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली पूर्वी दिल्ली नगर निगम के चुनाव नतीजे को लेकर कराए गए आंतरिक सर्वे औ

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 11:42 PM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 11:42 PM (IST)
मुश्किल से कटी रात, अब नतीजे का इंतजार
मुश्किल से कटी रात, अब नतीजे का इंतजार

सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली

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पूर्वी दिल्ली नगर निगम के चुनाव नतीजे को लेकर कराए गए आंतरिक सर्वे और एग्जिट पोल के नतीजे बेशक भाजपा के पक्ष में परिणाम बता रहे हों, लेकिन जैसे-जैसे नतीजे का समय नजदीक आ रहा है अन्य पार्टियों की तरह भाजपा के प्रत्याशियों की धड़कनें भी बढ़ गई। उनकी रात मुश्किल से कटी। भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों को भी जीत का भरोसा है, लेकिन कहीं न कहीं संशय जरूर बना हुआ है।

कांग्रेस के निवर्तमान पार्षदों का कहना है कि उनके काम के आधार पर उन्हें वोट मिला है और निश्चित रूप से नतीजे उनके पक्ष में आएंगे। नतीजों को लेकर विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशी, संगठन के पदाधिकारी और अन्य लोग मंगलवार को दिन भर मंथन करते रहे कि किस बूथ पर कितने वोट पड़े और उन बूथों पर उनके पक्ष में कितने वोट पड़े होंगे। भले ही एग्जिट पोल भाजपा के पक्ष में है, लेकिन भाजपा के कई उम्मीदवार अभी भी घबराए हुए हैं। वे कहते हैं कि अब यह तो बुधवार को ही पता लगेगा कि वास्तविक स्थिति क्या है?

नतीजों के इंतजार की वजह से प्रत्याशियों का मंगलवार का पूरा दिन बेचैनी में बिता। वे ठीक से आराम भी नहीं कर पाए और चर्चा में ही काफी वक्त गुजर गया। हालांकि, इसी बीच शुभ¨चतकों का उनके यहां आना लगा रहा, जो उन्हें जीत का भरोसा दिलाते रहे और चुनावी गणित समझाते रहे। लेकिन इससे प्रत्याशियों के चेहरे की बेचैनी कम नहीं हुई।

जीत-हार से जुड़ी है कई नेताओं की प्रतिष्ठा

भाजपा ने किसी भी पार्षद को टिकट नहीं दिया। लेकिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम में अहम सीटों पर बैठे पार्षदों की प्रतिष्ठा इन सीटों से जुड़ी हुई है। महापौर सत्या शर्मा का वार्ड गौतमपुरी इस बार सामान्य हो गया था और यहां से केके अग्रवाल चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी की हार-जीत से उनकी भी प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। जहां कांग्रेस के यहां से युवा प्रत्याशी राजीव शर्मा हैं तो आम आदमी पार्टी (आप) से अनिल जैन प्रत्याशी हैं। जैन कभी भाजपा के काम करते थे। उन्हें महापौर के चुनाव में इलाके का चाणक्य भी कहा जाता था।

इसी तरह स्थायी समिति अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी का कांति नगर वार्ड का परिणाम भी काफी अहम है। भाजपा की प्रत्याशी कंचन माहेश्वरी हैं तो कांग्रेस की कद्दावर नेता एवं पूर्वी निगम में नेता प्रतिपक्ष वरयाम कौर मैदान में हैं। कौर पहले रघुवरपुरा से चुनाव लड़ती थीं, लेकिन रघुवरपुरा के सामान्य सीट होने की वजह से उन्हें कांति नगर से टिकट दिया गया था। यहां पर जितेंद्र चौधरी और वरयाम कौर दोनों की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। नेता सदन संजय जैन के मौजपुर वार्ड का चुनाव इस बार स्थगित हो गया है। स्थायी समिति के डिप्टी चेयरमैन महेंद्र आहूजा के आनंद विहार वार्ड में भी पार्टी की हार-जीत उनकी प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है।

इसके अलावा पूर्व महापौर हर्ष मल्होत्रा के वेलकम वार्ड सीट से पुराने भाजपा नेता अजय शर्मा खड़े हैं। दिलशाद गार्डन वार्ड में एक तरफ दिग्गज कांग्रेस नेता और तीन बार निगम पार्षद रह चुके चौधरी अजीत ¨सह प्रत्याशी हैं तो वहीं यह सीट पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. अनिल गुप्ता और उनकी पत्नी स्वाति गुप्ता की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा हुआ है। स्वाति गुप्ता पिछली बार यहीं से पार्षद चुनीं गई थीं और वह जोन चेयरमैन सहित निगम में कई पदों पर रहीं। शाहदरा उत्तरी जोन के निवर्तमान चेयरमैन मनोज त्यागी की प्रतिष्ठा भी हर्ष विहार सीट से जुड़ी हुई है। उन्हें पार्टी प्रत्याशी को जिताने की जिम्मेदारी दी गई थी।

चौथी पारी शुरू हो पाती है कि नहीं

पूर्वी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस के कई प्रत्याशी हैं, जो चौथी पारी की शुरुआत करने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन चुनाव नतीजे ही यह बताएंगे कि वह सफल हो पाते हैं या नहीं क्योंकि उनकी सीटों पर विरोधी पार्टियों से जबरदस्त टक्कर है। विवेक विहार वार्ड की प्रत्याशी प्रीति तीन बार लगातार चुनाव जीत चुकी हैं। यदि इस बार वह चुनाव जीत जाती हैं तो चौथी बार पार्षद बनने में सफल रहेंगी। लेकिन इस बार उनकी राह आसान नहीं है। उन्हें भाजपा प्रत्याशी से कड़ी टक्कर मिली है। इसी तरह सुभाष मोहल्ला वार्ड से भी निवर्तमान निगम पार्षद सविता शर्मा तीन बार पार्षद चुनी जा सकी हैं। वह भी चौथी पारी शुरू करने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन उन्हें भी यहां भाजपा और आम आदमी पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है। इसके अलावा चौधरी अजीत ¨सह और वरयाम कौर भी तीन बार निगम पार्षद रह चुके हैं।

भाजपा जिलाध्यक्षों की प्रतिष्ठा का है प्रश्न

यमुनापार में भाजपा के चार जिले हैं। इनमें दो जिलाध्यक्ष और एक जिलाध्यक्ष की पत्नी को टिकट मिला था। चुनाव परिणाम इनके राजनीतिक भविष्य भी तय करेंगे। शाहदरा जिलाध्यक्ष संतोष पाल लक्ष्मी नगर से और नवीन शाहदरा जिलाध्यक्ष प्रवेश शर्मा राम नगर से प्रत्याशी हैं। मयूर विहार जिलाध्यक्ष ललित जोशी की पत्नी चंचल जोशी घड़ोली से प्रत्याशी हैं।


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