लू के चलते सब्जियों के खेत में करें हल्की ¨सचाई
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : आने वाले दिनों में लू (गर्म हवा) तथा तापमान को ध्यान में रखते हुए
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : आने वाले दिनों में लू (गर्म हवा) तथा तापमान को ध्यान में रखते हुए सब्जियों के खेतों तथा फलों के बगीचों में हल्की ¨सचाई नियमित अंतराल पर करें। खेतों में लगे पौधों और वृक्षों को लू से बचाने के लिए जाल आदि का उपयोग कर सकते हैं। ग्रीष्मकाल में हरी खाद के लिए सनई, ढेंचा, ग्वार, लोबिया, मूंग की बुवाई करें। सनई की बीज दर 60-70 और ढेंचा की 50-60 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर है। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है।
पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने गर्मी के मौसम में किसानों को दी अपनी सलाह में बताया कि ग्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया आदि चारा फसलों की बुवाई के लिए यह समय उचित है। बीजों को चार सेंटीमीटर गहराई पर डालें और पंक्ति से पंक्ति की दूरी अधिकतम 30 सेंटीमीटर रखें। अरहर और कपास की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करें तथा बीज किसी प्रमाणित स्त्रोत से ही खरीदें। किसान खेत की मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्त्रोत से करवाएं और जहां तक संभव हो खेत का समतलीकरण करवाएं।
उन्होंने बताया कि तापमान अधिक रहने की संभावना को देखते हुए तैयार सब्जियों की तुड़ाई सुबह या शाम के समय करें तथा इसके बाद उन्हें छायादार स्थान पर रखें। बेल वाली फसलों में न्यूनतम नमी बनाएं रखें अन्यथा मृदा में कम नमी होने से परागण पर असर हो सकता है, जिससे फसल उत्पादन में कमी आ सकती है। प्याज तथा लहसुन की तैयार फसल की खुदाई से एक सप्ताह पहले हल्की ¨सचाई करें और उसके उपरांत खुदाई करें।