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भीड़ जुटाई, अब मतदाताओं को जोड़ने की है चुनौती

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली : पार्षदबंदी के फैसले के बावजूद रामलीला मैदान में कार्यकर्ताओं की भीड़

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:08 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:08 AM (IST)
भीड़ जुटाई, अब मतदाताओं को जोड़ने की है चुनौती
भीड़ जुटाई, अब मतदाताओं को जोड़ने की है चुनौती

संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली :

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पार्षदबंदी के फैसले के बावजूद रामलीला मैदान में कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटाने में भाजपा सफल रही है। इससे भाजपा नेतृत्व गदगद है और कार्यकर्ताओं के बीच भी सकारात्मक संदेश गया है। अब दिल्ली के नेताओं के सामने कार्यकर्ताओं के उत्साह को बनाए रखने और जमीनी स्तर पर काम करने की चुनौती है। केंद्रीय नेताओं ने भी इस चुनाव को गंभीरता से लेते हुए बूथ प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है।

उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में मिली प्रचंड जीत से उत्साहित भाजपा नेतृत्व ने दिल्ली नगर निगम चुनाव में नए चेहरों के साथ उतरने का फैसला किया है। पार्टी के इस निर्णय से कई पार्षद नाराज हैं। इसका असर रामलीला मैदान में आयोजित पंच परमेश्वर सम्मेलन पर भी पड़ने की आशंका जताई जा रही थी। इससे प्रदेश नेतृत्व विशेष सतर्क था। सम्मेलन को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं की विशेष टीम बनाई गई थी। पार्षदों व जिला अध्यक्षों की भी जिम्मेदारी तय कर दी गई थी।

अब भाजपा के सामने चुनाव प्रचार अभियान को सही ढंग से आगे बढ़ाने की चुनौती है। मतदाताओं को जोड़ने के लिए प्रत्येक बूथ पर 5-5 कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई है जिसे पंच परमेश्वर का नाम दिया गया है। सम्मेलन में इन्हें निगम चुनाव का महत्व समझाकर बूथ मजबूत करने की सलाह दी गई। सम्मेलन स्थल पर भारत का नक्शा बनाकर भाजपा शासित राज्यों को केसरिया रंग से दिखाया गया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि इस केसरिया रंग में दिल्ली एक डॉट है। कार्यकर्ताओं की मेहनत से ही इस डॉट को हटाकर भाजपा का झंडा लहराया जा सकता है।

भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने प्रत्येक पंच परमेश्वर को अपने बूथ की मतदाता सूची को कंठस्थ करने, चुनाव तक प्रत्येक घर में तीन बार जाने, भाजपा समर्थक मतदाताओं की पहचान करने और उनका मतदान सुनिश्चित करने की नसीहत दी। वहीं, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कार्यकर्ताओं को इस चुनाव को गंभीरता से लेने की सलाह दी, क्योंकि यह सिर्फ दिल्ली नहीं मिनी इंडिया का चुनाव है। उन्होंने कहा कि यहां पूरे देश के लोग आकर रहते हैं।

नेताओं ने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने की पूरी कोशिश की है फिर भी दिल्ली के नेताओं के लिए राह आसान नहीं है। एक तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के आरोपों का जवाब देकर लोगों का समर्थन हासिल करना है। वहीं, टिकट कटने से नाराज पार्षदों को मनाकर उन्हें चुनाव प्रचार में लगाने की चुनौती है। हालांकि, सम्मेलन में पार्षद भी नजर आएं और इनके लिए प्रदेश अध्यक्ष ने तालियां भी बजवाई। इसके बावजूद पार्षदों की नाराजगी दूर नहीं हुई है। इस स्थिति में भाजपा नेताओं की जरा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है।


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