केजरीवाल समेत पांच आप नेताओं पर चलेगा आपराधिक मानहानि का मुकदमा
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं। केंद्रीय
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने मुख्यमंत्री समेत अन्य पांच आप नेताओं पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। मुख्य महानगर दंडाधिकारी सुमित दास ने मुख्यमंत्री समेत आप नेता कुमार विश्वास, आशुतोष, राघव चड्ढा, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी पर आरोप तय करते हुए ट्रायल के लिए नोटिस जारी किया है। अब 20 मई से मामले में ट्रायल होगा। सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष मुख्यमंत्री समेत बाकी सभी आरोपियों ने खुद को दोषी न होने का दावा किया और ट्रायल में जाने की बात कही।
सुनवाई शुरू होते ही जेटली के अनुपस्थित होने पर मुख्यमंत्री पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई। कहा गया कि मंत्री होने का उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट मिल रहा है। कुमार विश्वास के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को जोधपुर एक कार्यक्रम में जाना था, लेकिन वह कोर्ट में उपस्थित हैं। मंत्री के लिए अलग कानून नहीं हो सकता। उन्हें केस के इस स्टेज पर अदालत में होना चाहिए था। इस दौरान एक वकील ने कहा कि वह मंत्री पर पर्सनल कमेंट न करें। इसके बाद काफी देर दोनों पक्षों के वकीलों में जज के सामने गहमागहमी हुई। वकीलों ने एक-दूसरे को बाहर देखने तक की धमकी दे डाली। आशुतोष के वकील ने कहा कि इस तरह का बर्ताव कर जेटली के वकील कोर्ट पर दबाव बना रहे हैं। आशुतोष और संजय सिंह ने जज को मौखिक रूप से शिकायत की कि जेटली के वकील उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उन्हें जान का खतरा है। गत वर्ष ही वकील कोर्ट परिसर में जेएनयू छात्रों के साथ मारपीट कर चुकें हैं। उन्हें एक ताकतवर व शक्तिशाली मंत्री से खतरा है। शिकायतकर्ता कोर्ट में नहीं है, इसलिए सुनवाई टाल दी जाए। इस दौरान जज ने दोनों पक्षों को कई बार शांत रहने की हिदायत दी और चुप कराया। आप नेताओं के धमकी के आरोप पर जज ने सुरक्षाकर्मियों को बुलाया और मीडिया व दोनों पक्षों के वकीलों को छोड़कर सभी वकीलों व अन्य लोगों को कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया।
यह है मामला
पेश मामले में जेटली ने कहा है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दिसंबर 2015 में मुख्यमंत्री व अन्य आप नेताओं ने उनके खिलाफ बयानबाजी की थी। ऐसे में सभी पर आइपीसी की धारा- 499 व 500 (मानहानि करना) में मुकदमा दर्ज हो। जेटली ने सभी के खिलाफ हाई कोर्ट में सिविल व पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मामला दायर किया था।
क्या कहते हैं वकील
जिन वकीलों पर आप नेता धमकी देने का आरोप लगा रहे हैं, वह मंत्री की तरफ से नहीं थे। आप विधायक व वकील मदनलाल की एक वकील से बहस हुई थी। आरोप तय करते हुए मेरे मुवक्किल को अदालत में उपस्थित होने की जरूरत नहीं। वह नियमित रूप से केस में अदालत में पेश हुए हैं।
-सिद्धार्थ लूथरा, वित्तमंत्री के वकील
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शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति में नोटिस नहीं दे सकते। यह केस तो फास्ट ट्रैक प्रोसिडिंग की तरह चल रहा है। यह एक राजनीतिक केस है। इससे अदालत के बाहर गलत संदेश जाएगा।
-राहुल मेहरा, मुख्यमंत्री के वकील
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जेटली के वकीलों ने हमें कोर्ट रूम में जान से मारने की धमकी दी। हम इस बारे में एफआइआर दर्ज कराएंगे।
-आप नेता संजय सिंह
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क्या सजा है
आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी को दो साल तक की सजा, जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।
तारीखों की जुबानी
21 दिसंबर 2015-वित्तमंत्री ने मुख्यमंत्री समेत अन्य पांच आप नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दायर करने की अर्जी पटियाला हाउस कोर्ट में दायर की
1 फरवरी 2016-अरुण जेटली की इस मामले में रिकार्ड मंगवाने की अर्जी स्वीकार
23 फरवरी-इस मामले में समन करने के लिए फैसला सुरक्षित
9 मार्च-अदालत ने मुख्यमंत्री समेत पांच आप नेताओं को पेश होने के लिए समन किया
7 अप्रैल- मुख्यमंत्री समेत पांच आप नेताओं को इस मामले में जमानत दी गई
19 मई-पटियाला हाउस कोर्ट ने मुख्यमंत्री की यह अपील ठुकराई कि इस मामले की सुनवाई तब तक टाल दी जाए जब तक हाई कोर्ट में इसी मुद्दे पर 10 करोड़ के सिविल मानहानि मामले में कोई फैसला नहीं आता है
16 जुलाई- मुख्यमंत्री द्वारा 19 मई के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने के चलते मामले की सुनवाई 16 अगस्त तक टली
19 अक्टूबर-हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री व अन्य आप नेताओं की इस मामले की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग संबंधी याचिका रद की
24 अक्टूबर-आरोप तय करने से पहले मुख्यमंत्री व अन्य आप नेताओं ने पक्ष सुनने की अर्जी दी
22 नंवबर-सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री व अन्य आप नेताओं की इस मामले की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग संबंधी याचिका रद की
20 दिसंबर-आरोप तय करने से पहले मुख्यमंत्री व अन्य आप नेताओं ने पक्ष सुनने की अर्जी पर फैसला सुरक्षित
30 जनवरी 2017-आरोप तय करने से पहले पक्ष सुनने संबंधी मुख्यमंत्री व अन्य आप नेताओं की अर्जी रद
25 मार्च-पटियाला हाउस कोर्ट ने मुख्यमंत्री समेत अन्य पांच आप नेताओं पर मानहानि के आरोप तय किए