बढ़ रहा नकली दवाओं का कारोबार
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : देश में नकली दवाओं का कारोबार बढ़ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) न
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : देश में नकली दवाओं का कारोबार बढ़ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने एसोचैम की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि भारतीय बाजार में करीब 25 फीसद दवाएं नकली हैं। दिल्ली-एनसीआर में भी बड़े पैमाने पर बाजार में ब्रांडेड कंपनियों के नाम का इस्तेमाल कर दोयम दर्जे की दवाएं बिक रही हैं। यह मरीजों के लिए घातक है। आइएमए ने दवाओं की निगरानी तंत्र को मजबूत करने की सरकार से मांग की है।
आइएमए के विशेषज्ञ कहते हैं कि नकली दवाएं वो होती हैं जिन पर जानबूझ कर धोखाधड़ी के लिए किसी और दवा के नाम से मिलते जुलते लेबल लगा दिए जाते हैं। ब्रांडेड कंपनियों के नाम का इस्तेमाल कर कुछ लोग मुनाफा कमाने के लिए कम गुणवत्ता वाली दवाएं बेच रहे हैं। गोली के रूप में आने वाली दवाओं से लेकर सीरप व कुछ टीके भी नकली आ रहे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल ने कहा कि दवाओं पर निगरानी व जांच के लिए नियंत्रण व्यवस्था ठीक नहीं है। दवाओं की जांच के लिए प्रयोगशालाओं की कमी है। इस वजह से नकली दवाओं का कारोबार बढ़ रहा है। इससे रोकने के लिए निगरानी व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी है। सरकार को इस मामले पर सख्ती से निपटना चाहिए। उन्होंने कहा कि एसोचैम की रिपोर्ट बताती है कि आगरा नकली दवाओं का सबसे बड़ा केंद्र है। इसके अलावा एनसीआर में भी नकली दवाएं धड़ल्ले से बिक रही हैं। बहादुरगढ़, गाजियाबाद, बल्लभगढ़, सोनीपत व हिसार में नकली दवाओं का कारोबार फैला हुआ है।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट बताती है कि नकली दवाओं की वजह से दुनिया भर में हर साल करीब 10 लाख लोगों की मौत होती है। इसलिए देश में नकली दवाओं के कारोबार व इस्तेमाल को रोकने के लिए केंद्र सरकार को कारगर कदम उठाना होगा।