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आर्ची बोली-मुझे अगवा किया गया था, पुलिस ने कहा मनगढंत कहानी

पुलिस ने आर्ची के दावों को नकारते हुए सम्मोहित कर बच्चियों को अगवा करने वाले महिला गिरोह की बात को खारिज कर दिया। काउंसलिंग के बाद आर्ची से घटना की पूरी जानकारी ली जाएगी।

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 03:46 PM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 08:24 AM (IST)
आर्ची बोली-मुझे अगवा किया गया था, पुलिस ने कहा मनगढंत कहानी

गाजियाबाद [जेएनएन]। इंदिरापुरम स्थित अपने घर से रहस्यमय हालात में लापता हुई आर्ची रविवार को सकुशल लौट आई। आर्ची ने मीडिया के सामने जहां खुद को अगवा किए जाने की बात दोहराते हुए अपहर्ताओं को पहचानने का दावा किया, वहीं पुलिस ने आर्ची के दावों को नकार दिया। पुलिस के मुताबिक, अभी भी आर्ची के खुद घर से जाने थ्योरी पर कायम रहते हुए जांच को आगे बढ़ा रही है। उधर, आर्ची के परिजनों ने पुलिस से पेशेवर ढंग से जांच करने की अपील की है।

आर्ची की जुबानी अपहरण की कहानी

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मां सुधा और पिता सुभाष यादव के साथ रविवार सुबह घर लौटी आर्ची ने दोपहर में मीडिया से बात की। आर्ची ने बताया कि सोमवार को डोरबेल बजने पर उसने अंदर से लकड़ी का दरवाजा खोला तो लोहे की जाली वाले दरवाजे के बाहर एक महिला खड़ी थी। उसने शॉल से आधा चेहरा ढंक रखा था। महिला ने दरवाजा खोलने को कहा तो उसने इन्कार कर दिया, लेकिन बार-बार कहने पर उसने दरवाजा खोल दिया।

आर्ची के अनुसार, उसे नहीं मालूम कि उसने ऐसा क्यों किया? महिला जो भी कहती रही वह करती रही। कॉलोनी के बाहर खड़ी कार के पास एक और महिला मिली। महिला ने कुछ सुंघाकर उसे बेहोश कर दिया। रात में जब उसे होश आया तो वह ट्रेन में थी। दोनों महिलाएं भी वहीं बैठी थीं। उनमें से एक महिला ने यह कहते हुए दोबारा बेहोश कर दिया दिया कि बेटा, परेशान मत हो, मैं घर तक छोड़ दूंगी।

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आर्ची ने बताया कि दोबारा होश आने पर भी वह ट्रेन में थी। स्टेशन पर ट्रेन रुकी तो एक महिला प्लेटफार्म पर कुछ खरीदने चली गई, जबकि दूसरी मोबाइल पर बात कर रही थी। इसी दौरान मौका पाकर वह वहां से भाग निकली। बस अड्डे पर पहुंची तो वहां से पुलिस थाने लेकर गई। इसके बाद उसे चाइल्ड केयर सेंटर में रखा गया।

घबराहट में बदले बार-बार बयान

आर्ची ने बार-बार बयान बदलने की वजह घबराहट बताई। आर्ची के अनुसार, उसे डर था कि सही पहचान बताने पर वह दोबारा अपहर्ताओं के हाथ न पड़ जाए। हिमाचल प्रदेश पुलिस व चाइल्ड केयर सेंटर के सदस्यों से क्या बोली? उसे कुछ याद नहीं है।

पुलिस अपनी थ्योरी पर कायम, काउंसलिंग के बाद होगी पूछताछ

पुलिस ने आर्ची के दावों को नकारते हुए सम्मोहित कर बच्चियों को अगवा करने वाले महिला गिरोह की बात को खारिज कर दिया। एसपी सिटी सलमान ताज पाटिल ने रविवार को दोहराया कि सीसीटीवी फुटेज में आर्ची अकेले जाते हुए नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि तीन मिनट में अगवा करना संभव नहीं है। 13 फरवरी को आर्ची की मां ने दोपहर 02:51 बजे लैंडलाइन फोन पर बात की थी। दोपहर 02:54 बजे सीसीटीवी फुटेज में आर्ची जाते हुए दिख रही है।

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एसपी सिटी ने सवाल किया कि परिजनों ने बताया था कि चाबी दरवाजे के बराबर टंगी रहती है। फिर चाबी टेबल पर कैसे दिखी? अन्जान महिला के साथ आर्ची क्यों गई? उसने मां के आने तक इंतजार क्यों नहीं किया? पुलिस के मुताबिक, आर्ची को अपने घर व स्कूल का नाम पता था तो फिर उसने हरिद्वार के अनाथ आश्रम व स्कूल का पता क्यों बताया? एसपी सिटी ने कहा कि स्कूल में जांच के बाद यह स्पष्ट है कि उसका होमवर्क पूरा नहीं था, जिससे वह दबाव में थी। काउंसलिंग के बाद आर्ची से घटना की पूरी जानकारी ली जाएगी।


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