कोयले से एलएनजी में बदले जा सकते हैं बदरपुर व दादरी प्लांट
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली दिल्ली के बदरपुर और उत्तर प्रदेश के दादरी थर्मल पावर प्लांट को एलएनजी (लिक
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
दिल्ली के बदरपुर और उत्तर प्रदेश के दादरी थर्मल पावर प्लांट को एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) गैस से चलाने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। ईपीसीए (पर्यावरण संरक्षण एवं नियंत्रण प्राधिकरण) ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस दिशा में संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं। ईपीसीए ने इस बाबत जल्द ही केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय और केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय संग बैठक करने के संकेत भी दिए हैं।
दरअसल, 709 मेगावाट की क्षमता वाले बदरपुर थर्मल पावर प्लांट और 900 मेगावाट क्षमता वाले दादरी थर्मल पावर प्लांट को स्थायी तौर पर बंद करने की दिशा में गंभीरता पूर्वक विचार चल रहा है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 का स्तर अक्सर बहुत खराब रहने लगा है। इसीलिए ईपीसीए किसी भी सूरत में कोयले से चलने और फ्लाई एश (राख) के जरिये प्रदूषण फैलाने वाले इन दोनों प्लांटों को छूट देने को तैयार नहीं है। इस बीच वित्त वर्ष 2017 के बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा एलएनजी पर टैक्स 5 से घटाकर 2.5 फीसद किए जाने से ईपीसीए इसे वैकल्पिक ईधन के रूप में भी देख रहा है। ईपीसीए अध्यक्ष डॉ. भूरेलाल कहते हैं कि एलएनजी से पावर प्लांट भी चलाए जा सकते हैं। ऐसे में अगर बदरपुर और दादरी प्लांट कोयले की जगह एलएनजी से चलाए जाएं तो पर्यावरण की सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग-आपूर्ति के लिहाज से भी फायदेमंद रहेगा। ईपीसीए की सदस्य सचिव एवं सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने भी पिछले दिनों कहा था कि अगर थर्मल प्लांटों को गैस प्लांट में तब्दील किया जाता है तो टॉप अप (अतिरिक्त खर्चा) राशि के लिए मंत्रालय से भी सहयोग कराया जाएगा। इसके अलावा केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से भी इस दिशा में सहयोग करने के लिए बात की जाएगी।