Move to Jagran APP

अग्रलेख दिल्ली : सराहनीय पहल

वरिष्ठ नागरिकों के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा सीनियर सिटीजन एप शुरू करना सराहनीय पहल है। पुलिस के इस कद

By Edited By: Published: Sun, 02 Oct 2016 09:48 PM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2016 09:48 PM (IST)

वरिष्ठ नागरिकों के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा सीनियर सिटीजन एप शुरू करना सराहनीय पहल है। पुलिस के इस कदम से राजधानी दिल्ली में अकेले रह रहे बुजुर्गो का ख्याल बेहतर तरीके से रखा जा सकेगा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यदि किसी बुजुर्ग को कोई परेशानी हो रही है तो उन्हें पुलिस थाना जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह एप के माध्यम से ही अपनी शिकायत पुलिस तक पहुंचा सकेंगे जिस पर संज्ञान लेकर पुलिस उसके घर आएगी। पुलिस की इस पहल को बुजुर्ग भी पसंद कर रहे हैं। यही कारण है कि पहले ही दिन 28 हजार लोगों ने अपने स्मार्ट फोन पर इस एप को डाउनलोड कर लिया है। इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोग उठा सकें इसके लिए पुलिस को गैर सरकारी संस्थाएं व रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के साथ मिलकर जागरुकता अभियान चलाना चाहिए। इसके साथ ही इस एप के जरिये मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी जिससे कि इसकी सार्थकता बनी रहे। यदि बुजुर्गो की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होगी तो फिर इस नई पहल का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सीनियर सिटिजन सिक्योरिटी सेल होने के बावजूद दिल्ली में बुजुर्गो के प्रति अपराध नहीं रुक रहे हैं। इससे स्पष्ट है किजिन पुलिसकर्मियों के हवाले यह व्यवस्था है वे अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं निभा रहे हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। पुलिसकर्मियों को अपने व्यवहार में संयमित रहना चाहिए जिससे कि बुजुर्ग उस पर विश्वास कर सकें। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों की कमी भी दूर करने की जरूरत है।

loksabha election banner

बुजुर्गो की सुरक्षा के लिए पुलिस के साथ ही परिवार व समाज को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। संतानों की विशेष जिम्मेदारी बनती है। यदि वे रोजगार या अन्य कारणों से अपने माता-पिता से दूर हैं तो भी उन्हें उनकी सुरक्षा को लेकर हमेशा फिक्रमंद रहना चाहिए। उन्हें न सिर्फ नियमित फोन करके उनका कुशल क्षेम पूछना चाहिए, बल्कि शहर में रहने वाले रिश्तेदारों, मित्रों व पड़ोसियों की भी मदद लेनी चाहिए। पुलिस सत्यापन के बाद ही घर में घरेलू सहायक, चालक आदि रखना चाहिए। इसके साथ ही आस पड़ोस के लोगों को भी अकेले रह रहे बुजुर्गो का ख्याल रखना चाहिए। आरडब्ल्यूए इसमें विशेष भूमिका निभा सकती हैं। आरडब्ल्यूए के सदस्यों को नियमित रूप से बुजुर्गो की समस्या जानने की कोशिश करनी चाहिए। उनके घर आने जाने वालों पर भी विशेष नजर रखने की जरूरत है। इस सतर्कता से ही हमारे बुजुर्ग सुरक्षित रह सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.