Move to Jagran APP

अधिकारियों की लापरवाही से ग्रामीण परेशान

अधिकारियों की लापरवाही के कारण नजफगढ़ शहर से सटे इस गांव में सुविधाओं का अभाव है। भूमिगत जलाशय तक के

By Edited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 31 Aug 2016 07:15 PM (IST)

अधिकारियों की लापरवाही के कारण नजफगढ़ शहर से सटे इस गांव में सुविधाओं का अभाव है। भूमिगत जलाशय तक के लिए पाइपलाइन डाली जा चुकी है, लेकिन अभी तक पूरे गांव में पानी की पाइपलाइनों से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पाइपलाइनों में रिसाव की वजह से साल भर पहले टूट फूट का शिकार हुई सड़क पर अब पानी बहने लगा है। गलियों भी जर्जर हो गई हैं। दो हिस्से में बंटे इस गांव में एक अतिरिक्त कूड़ेदान की आवश्यकता है। गलियों में स्ट्रीट लाइट और फुटपाथ की व्यवस्था नहीं है।

loksabha election banner

13 हजार है आबादी

दिचाऊं गांव की आबादी 13 हजार है। यहां मतदाताओं की संख्या 6000 है। आसपास के इलाके दिचाऊं एक्सटेंशन, लक्ष्मी विहार, निर्मल विहार आते हैं।

ऐतिहासिक विशेषता

गांव में जाट समाज की बहुलता है। ये लोग राजस्थान से आकर बसे थे। सात सौ वर्ष पुराने गांव में ब्राह्मण और हरिजन सहित 36 जाति के लोग निवास करते हैं। गांव में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान शिव की आदमकद प्रतिमा का निर्माण कराया गया है। यह गांव दो हिस्सों में बंटा हुआ है। दोनों तरफ जोहड़ हैं। गांव में एक चौपाल भी है, जिसका निर्माण पूर्व सांसद साहिब सिंह वर्मा के कार्यकाल में हुआ था। गांव के अधिकांश जमीन पर गोभी की खेती होती है। 70 के दशक तक कभी यह गांव तंबाकू की खेती के लिए जानी जाती थी। बाद में गेहूं बोने का काम किसानों ने शुरू कर दिया था। इस गांव के एक ही परिवार से दो निगम पार्षद है। पूर्व विधायक भरत सिंह इसी परिवार का अहम हिस्सा थे।

----------------------

दुरुस्त नहीं है व्यायामशाला

देहात में कुश्ती के प्रति युवाओं की विशेष रुचि को देखते हुए पूर्व विधायक भरत सिंह ने दिचाऊं गांव में 2011 में एक व्यायामशाला का निर्माण कराया था। तीन साल पहले तक इस व्यायामशाला के चारों तरफ चारदीवारी बनाई गई थी। इसके दोनों तरफ बड़े-बड़े लोहे के गेट लगवाए गए थे। इस परिसर में एक अखाड़ा भी बनाया गया था, लेकिन पिछले दो वर्षो से इसमें कोई आता जाता नहीं है। कार्यालय में ताला बंद रहता है, लेकिन इसके दोनों गेट हमेशा खुले रहते हैं। इसके रखरखाव के लिए कोई चौकीदार तक की व्यवस्था नहीं है।

-----------------------

टूटी सड़क पर भरा है पानी

नजफगढ़ से नांगलोई आने जाने के लिए अधिकांश वाहन चालक गांव के रास्ते का उपयोग करते हैं। एक साल पहले तक गांव के बीच से गुजरने वाली सड़क दुरुस्त थी, लेकिन मरम्मत के अभाव में अब यह सड़क दम तोड़ने लगी। अब इसमें विशेषकर गांव के बीच की सड़कों में बने गड्ढों में पानी भरा रहता है। बताया जाता है कि इस सड़क के नीचे बिछाई गई पाइपलाइन जगह-जगह टूट गई है, इसलिए इसमें से पानी का रिसाव होता रहता है और सड़कों पर फैलती रहती है। यदि इसे समय रहते दुरुस्त नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह दुर्घटना का कारण बन सकती है।

------------------------

बर्बाद होने की कगार पर तालाब

गांव के प्रवेश द्वार पर स्थित तालाब और इसके किनारे मंदिर को देखकर इसके महत्व का अंदाजा ही सहज लगाया जा सकता है। परंतु गांव के गंदे पानी से भरे इस तालाब को देखकर कोई भी असहज हो उठता है। पवित्र सरोवर के नाम से जाने जाने वाले इस तालाब को ग्रामीण स्नान ध्यान के लिए उपयोग करते थे, लेकिन शहरीकरण के दौर में तालाब से गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की गई। ऐसे में इलाके का यह समृद्ध तालाब बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। अभी तक इस गांव के तालाब के जीर्णोद्धार के लिए योजना तक नहीं बनी।

कोट---

सबसे ज्यादा कर्मचारी नजफगढ़ में हैं। इसके बावजूद सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। यहां इधर-उधर कूड़े का अंबार लगा है। निगम में अभी इंसपेक्टर राज कायम है, इसलिए शिकायत के बाद भी सफाई नहीं होती है। ऐसे में इस पर लगाम जरूरी है। -संदीप शौकीन

नजफगढ़ के शहर के सबसे समीप होने के बावजूद गांव में सुविधाओं की कमी है। युवाओं और बच्चों के लिए स्टेडियम की व्यवस्था नहीं की गई। सड़कें बदहाल हैं। पार्क भी व्यवस्था भी नही है और तालाब का जीर्णोद्धार नहीं कराया जा रहा है। -जगबीर सिंह

गांव की गलियां और सड़कें टूटी हुई हैं। जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इन सड़कों पर चलते हुए कई बार वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में इन सड़कों की मरम्मत की दरकार है। इसे जल्द दुरुस्त किया जाना चाहिए। -नरेश कुमार

------------------

चौपाल के साथ पशुओं के पानी पीने का इंतजाम किया गया था, लेकिन अब इस जगह पर कूड़ा डाला जा रहा है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामसभा की जमीन पर कूड़ेदान बनाने की योजना पर अभी तक अमल नहीं हुआ। -बिजेंद्र सिंह

गांव में कोई मोहल्ला क्लीनिक नहीं है। इसलिए छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी ग्रामीणों को शहरी इलाकों में बने अस्पतालों में जाना पड़ता है, जिसमें काफी परेशानी होती है। गांव में डिस्पेंसरी खोलने के लिए कई बार लिखित में मांग की गई, लेकिन डेढ़ साल के बाद भी कोई काम नहीं हुआ। -रोहतास सिंह

गांव की गलियों और नालियों की साफ सफाई संतोषजनक है। परंतु गांव की जमीन पर भूमिगत जलाशय बनाने के दौरान पानी की आपूर्ति शुरू करने का दावा किया गया था, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया। अभी तक आधे गांव के लोगों को टैंकर पर निर्भर रहना पड़ता है। पूर्व विधायक भरत सिंह ने 2011 में गांव की जमीन पर पावर ग्रिड बनाने की योजना की मंजूरी दिलाई थी, लेकिन अब तक तक यह योजना सिरे नहीं चढ़ी। इसे चारों तरफ लोहे की तारों से घेरा जा चुका है। यह जमीन बीएसईएस के अधीन है। -ताराचंद, प्रधान, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन

------------------------

गांव में अतिरिक्त कूड़ेदान की जरूरत होगी तो इसका निर्माण करा दिया जाएगा। कॉलोनियों की तर्ज पर गांव में भी कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां घूमती हैं। ऐसे में ग्रामीणों को घर का कूड़ा फेंकने के बजाय गाड़ियों में डाल देना चाहिए। हर वार्ड में नियमित रूप से सफाईकर्मी तैनात हैं और वे गांव एवं शहर की कॉलोनियों में काम करते हैं। चूंकि, यह क्षेत्रीय कार्यालय का मामला है इसलिए यहां शिकायत की जानी चाहिए। विशेष परिस्थिति में मुख्यालय से भी संपर्क किया जा सकता है। -मुकेश यादव, निदेशक, जन संपर्क विभाग, दक्षिणी पश्चिमी नगर निगम

----------

विधानसभा क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में विकास कार्य हो रहे हैं। इससे दिचाऊं गांव भी अछूता नहीं रहेगा। गांव में पानी की आपूर्ति के लिए आसपास के बूस्टर पंप दुरुस्त कर चलाए गए, लेकिन पुरानी पाइपलाइनें बंद होने की वजह से परेशानी हुई। भूमिगत जलाशय चालू करने से पहले गांव की पानी की पाइपलाइनों को बदलने के बाद ही पानी की आपूर्ति संभव होगी। मुंडका में पावरग्रिड बनने के बाद लोड बंट गया है और अब बिजली कटौती नहीं होती है। गांव की सड़क जहां तहां खराब है, उसे दुरुस्त करने के जरूरत है। सड़क के किनारे नालियां भी बनाई जाएंगी। गांव में स्ट्रीट लाइट और फुटपाथ भी नहीं है, इसके लिए लोक निर्माण विभाग को दिशा निर्देश दिया जा चुका है। -

एडवोकेट कैलाश गहलोत, विधायक, नजफगढ़

-----------------------

नजफगढ़ जोन का विकास प्राथमिकता रही है। विकास कार्य को अमली जामा पहनाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। सफाई व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए जो भी जरूरी कदम उठाए गए, इससे स्थिति सुधरी है। कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात रहें, इसका भी इंतजाम किया गया। बारिश के दौरान बीमारियां न फैले, इसका भी ख्याल रखते हुए सभी एहतियात कदम उठाए गए। दिचाऊं में अतिरिक्त डलावघर की जरूरत नहीं है। ओल्ड ककरौला रोड का नए सिरे से निर्माण कराया जाएगा। दिचाऊं से झड़ौदा के बीच गांव को जोड़ने वाली सड़क को भी बनाया जाएगा। इन दोनों योजनाओं पर डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। -नीलम कृष्ण पहलवान, चेयरमैन, नजफगढ़ नगर निगम जोन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.