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खुले में शौच पर निगम नए सिरे से तैयार करेगा रिपोर्ट, सर्वे शुरू

विजयालक्ष्मी, नई दिल्ली राजधानी में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के तहत हजारों शौचालय बनाए

By Edited By: Published: Sun, 29 May 2016 10:11 PM (IST)Updated: Sun, 29 May 2016 10:11 PM (IST)
खुले में शौच पर निगम नए सिरे से तैयार करेगा रिपोर्ट, सर्वे शुरू

विजयालक्ष्मी, नई दिल्ली

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राजधानी में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के तहत हजारों शौचालय बनाए जा रहे हैं, लेकिन आज भी कई लोग खुले में शौच करने पर मजबूर हैं, वहीं इससे उलट नगर निगमों की रिपोर्ट कुछ और ही बयां करती है। निगमों की रिपोर्ट में राजधानी में कोई भी खुले में शौच नहीं करता और न ही कोई हाथ से मैला ढोता है। इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार ने सिरे से खारिज करते हुए निगमों को फटकार लगाई और दोबारा नए सिरे से सर्वे करने को कहा है।

इस सिलसिले में स्थानीय निकायों के निदेशक ने सभी एजेंसियों की बैठक बुलाई। इसमें सभी को दिशानिर्देश जारी किए गए और नौ सवाल भी दिए गए, जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जानी है। इनमें खुले में शौच पर उन स्थानों के नामों के साथ ही वहां सीवरेज कनेक्शन की पड़ताल भी की जानी है। उस स्थान के घरों व उन घरों की संख्या, जिसमें शौचालय नहीं है, ऐसे घरों की संख्या जो सीवर से जुड़े हुए हैं, सार्वजनिक शौचालयों की संख्या की आवश्यकता की जानकारी और वहां खाली स्थान का विवरण भी देना है।

इसके साथ कई राजधानी में कई स्थानों पर आज भी हाथ से मैला ढोने की प्रथा चल रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तथ्यों की निगमों को पड़ताल करनी चाहिए।

हालांकि निगमों के अधिकारी के मुताबिक रेलवे ट्रैक, स्लम बस्ती, कौड़िया पुल, लालकिले के पीछे, मंकी ब्रिज, झंडेवालान के डीडीए पार्क, ग्रामीण क्षेत्रों में ही लोग खुले में शौच जाने पर मजबूर है। कई स्लम क्षेत्र में शौचालय होते हुए भी लोग खुले में शौच करते हैं। शौचालयों की सफाई न होने के कारण लोग इनमें नहीं जाते। निगम के अधिकारी हालांकि दावे कर रहे हैं कि निगम क्षेत्रों में स्थिति बहुत बेहतर है, कई स्थानों पर नए शौचालय ब्लॉक बनाए जाने से इस पर रोक लगी है। यह सर्वे दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी नगर निगम, दिल्ली सरकार व जल बोर्ड को भी करना है।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के निगमायुक्त पीके गुप्ता ने बताया कि इस पर काम तेजी से चल रहा है। निगम के सभी जोनों में दिशानिर्देश के तहत सर्वे किया जा रहा है। जल्द ही निगम अपनी रिपोर्ट स्थानीय निकायों के निदेशक को सौंप देगा। पहले की रिपोर्ट के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को तकनीकी रूप से रिपोर्ट में कमी नजर आई थी। अब नए सिरे से रिपोर्ट तैयार की जा रही है।


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