पानी की बचत को लेकर हुई विचार गोष्ठी
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : पंचवटी लोकसेवा समिति की ओर से एक स्कूल में जल चेतना-जन चेतना विषय
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : पंचवटी लोकसेवा समिति की ओर से एक स्कूल में जल चेतना-जन चेतना विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी के दौरान कहा गया कि जल है तो कल है। जल के बिना जीवन ही संभव नहीं। फिर भी इसके संरक्षण में जिस तरह से घोर लापरवाही बरती जा रही है उसे आत्मघाती ही कहा जा सकता है। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिमी विभाग संघचालक राकेश बंसल भी उपस्थित थे।
इस गोष्ठी में उपस्थित सभी वक्ताओं ने जल संरक्षण के लिए सामाजिक जन जागरण की आवश्यकता पर बल दिया। विशेष बात यह रही कि सभी वक्ताओं ने जल संरक्षण के लिए मैं क्या करता हूं या मैं क्या करूंगा, पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
संस्कृत विद्वान मुरलीधर ने बरसात से पूर्व देशभर के सभी गावों के तालाबों से मिट्टी निकालने की परम्परा की चर्चा करते उसे जल संरक्षण की महत्वपूर्ण कड़ी बताया। बेशक आज भी प्रतीकात्मक रूप से यह परंपरा जारी है परंतु इस परंपरा को आधुनिक परिवेश से समन्वय करते हुए और समृद्ध करने की आवश्यकता है। यदि शहरी लोग भी केवल वर्षा के जल को फिर से धरती में पहुंचाने की व्यवस्था अपने अपने स्तर पर कर लें तो लातूर जैसी स्थिति से बच सकते हैं, जहां पानी की किल्लत है7
श्यामा प्रसाद मुखर्जी कालेज के डा. अमित शर्मा ने एक ओर पानी की कमी तो दूसरी ओर लगभग हर बस्ती में हर सुबह ओवरफ्लो होती पानी की टंकियों को संवेदना और समझदारी का संकट बताया। डा. पूजा शर्मा ने जल संरक्षण में गृहणियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। इंडियन यूथ पावर के अध्यक्ष और रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य रहे राकेश कुमार के अनुसार जल संकट अनेक समस्याओं का मूल है। इससे जीव जन्तु परेशान, पर्यावरण और खराब होता है। किसान की फसल खराब तो देश की अर्थव्यवस्था खराब, उसपर साधारण लोगों द्वारा प्रदूषित जल पीने से अनेक प्रकार के रोगों की तलवार लटकी रहती है, इसलिए बहुत जरूरी है कि हम जन चेतना के माध्यम से जल की उपलब्धता सुनिश्चित करें। अन्य वक्ताओं में हीरालाल पाण्डेय, यद्रपाल शर्मा, राजीव, चन्दर सिंह, स. मनजीत सिंह, सुरेन्द्र, सचिन कुमार, रामसुमेर भी प्रमुख थे।