भूख हड़ताल शुरू करवा नेताओं से मिल रहे कन्हैया पर उठे सवाल
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : देशविरोधी गतिविधियों में दोषी पाए गए छात्रों पर जेएनयू प्रशासन द्वारा की
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : देशविरोधी गतिविधियों में दोषी पाए गए छात्रों पर जेएनयू प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कराने वाले छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार हड़ताली छात्रों को छोड़कर बिहार चले गए हैं। भूख हड़ताल पर बैठे छात्र कन्हैया के जेएनयू से बाहर जाने पर सवाल उठा रहे हैं। यही नहीं, कन्हैया द्वारा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पैर छूने की वायरल हुई फोटो पर भी कैंपस में सवाल उठने लगे हैं। इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हो रही है और लोग इस बारे में अपनी टिप्पणी लिख रहे हैं।
भूख हड़ताल पर बैठे जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव और एबीवीपी के सदस्य सौरभ कुमार शर्मा ने कहा कि कन्हैया एक राजनीतिक एजेंडे के तहत कार्य कर रहे हैं। यहां उनकी अपील पर छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हैं और वह बिहार में लालू प्रसाद यादव के पैर छू रहे हैं। यह वामपंथ का घिनौना अवसरवादी चेहरा है। जिनकी सरकार में जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष चंद्रशेखर की बिहार में हत्या हुई उनका ही पैर छुआ जा रहा है। नीतीश सरकार में दलितों पर अत्याचार कन्हैया कुमार को दिखाई नहीं दे रहा है। जेएनयू के छात्र अब कन्हैया की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को समझने लगे हैं। हालांकि, ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे ने कन्हैया का बचाव करते हुए कहा, मुझे नहीं लगता कि कन्हैया ने लालू यादव के पैर छुए हैं। जेएनयू की जो संस्कृति है उसके आधार पर मैं कह सकती हूं कि वह ऐसा नहीं कर सकता, लेकिन यह सच है कि नीतीश की सरकार में बिहार में दलितों पर अत्याचार हो रहा है। एक अन्य वामपंथी छात्र नेता ने कहा कि कई मुद्दों पर कन्हैया से हमारी असहमति है। जेएनयू प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में कई छात्र भूख हड़ताल के पक्ष में नहीं थे। बिना कोई निष्क र्ष निकले भूख हड़ताल बीच में छोड़कर बिहार में नेताओं से मिलना छात्रों के मनोबल को गिराने वाला है। इस बारे में सभी साथियों से राय लेनी चाहिए थी।