रविवार विशेष : कागज की नाव से पहुंचे शिखर पर
सचिन त्रिवेदी, पूर्वी दिल्ली बचपन में कागज की नाव किसने नहीं बनाई होगी? ऐसे ही श्रीनाथ दीक्षित ने
सचिन त्रिवेदी, पूर्वी दिल्ली
बचपन में कागज की नाव किसने नहीं बनाई होगी? ऐसे ही श्रीनाथ दीक्षित ने भी बनाई थी। लेकिन बचपन के इस नाव के खेल ने उन्हें शिखर पर पहुंचा दिया। पूर्वी दिल्ली के गगन विहार निवासी 29 वर्षीय श्रीनाथ दीक्षित को बचपन के खेल और भाई-बहन के प्रोत्साहन ने ऐसा मुकाम दिला दिया कि वह आज वही खेल उनकी पहचान बन गया है। श्रीनाथ बिना किसी औजार का इस्तेमाल किए सबसे कम समय में छोटी नाव बनाने, दुनिया की सबसे छोटी नाव बनाने एवं सबसे छोटी नावों का सबसे बड़ा संग्रह जुटाने वाले ऐसे पहले व्यक्ति बन गए हैं। वर्ष 2006, 2013 और 2015 में कुल मिलाकर तीन बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।
-पिता चाहते थे कि श्रीनाथ पढ़ाई पर लगाए ध्यान :
दरअसल मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद निवासी श्रीनाथ को चार वर्ष उम्र से ही कागज की नाव बनाकर पानी में तैराने का शौक था। श्रीनाथ के चचेरे भाई निर्भय नाथ दीक्षित, जो कि स्कूल में आर्ट एवं क्राफ्ट के शिक्षक हैं, उन्होंने श्रीनाथ की नाव बनाने की ललक को देखते हुए उन्हें क्राफ्ट में भविष्य बनाने की सलाह दी और परिजनों को इस बारे में अवगत कराया। मगर श्रीनाथ के पिता विश्वनाथ दीक्षित को यह काम व्यर्थ लगता था और वे श्रीनाथ को खेल के बजाय पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करते रहते थे। वे चाहते थे कि श्रीनाथ अच्छी पढ़ाई कर बेहतर क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकें, मगर श्रीनाथ ने कभी अपने भविष्य के लिए पहले से विचार बनाकर नहीं रखा था। श्रीनाथ बताते हैं कि नाव बनाने के जुनून की वजह से उन्हें कई बार पिता से डांट पड़ी, मगर मां प्रीति दीक्षित हमेशा समर्थन में रहीं।
-बचपन के साथियों ने किया प्रोत्साहित :
श्रीनाथ पहले खेल खेल में नाव बनाने थे, धीरे धीरे नावों का संग्रह जुटाना उनका शौक हो गया। मगर यह शौक जुनून उस समय हुआ जब उनके बचपन के साथियों गुन, जहांआरा एवं शगुफ्ता ने उन्हें सबसे छोटी नावों का सबसे बड़ा संग्रह जुटाने के लिए प्रेरित कर लिम्का बुक में आवेदन करने को प्रोत्साहित किया। श्रीनाथ ने भी संभव ऐसा कर दिखाया। अब उनके पिताजी भी अपने बेटे की इन उपलब्धियों पर काफी खुश हैं।
-लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज उपलब्धि :-
-2006 में : 6-9 सैकेंड में, सबसे छोटी 0.3 एमएम की नाव व 8,800 नावों के सबसे बड़े संग्रह के लिए
-2013 में 5-7 सैकेंड में सबसे छोटी नाव बनाने एवं 13000 नावों का संग्रह
-2015 में भी 5-7 सैकेंड में सबसे छोटी नाव बनाने एवं 15000 नावों के सबसे बड़े संग्रह का खिताब मिला।
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