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कुत्ता काटने के सैकड़ों पीड़ित रोज पहुंच रहे अस्पताल

आनंद पवार, बाहरी दिल्ली उत्तरी दिल्ली नगर निगम में रोजाना सैकड़ों लोग आवारा कुत्ते के काटने के बाद

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 11:48 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 11:48 PM (IST)
कुत्ता काटने के सैकड़ों पीड़ित रोज पहुंच रहे अस्पताल

आनंद पवार, बाहरी दिल्ली

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उत्तरी दिल्ली नगर निगम में रोजाना सैकड़ों लोग आवारा कुत्ते के काटने के बाद अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसका कारण इलाके में आवारा कुत्तों की संख्या का लगातार बढ़ना है। इससे निगम की ओर से कुत्तों की संख्या पर लगाम लगाने के लिए चलाए जा रहे बंध्याकरण कार्यक्रम पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। निगम की ओर से कुत्तों की संख्या रोकने के लिए गैर सरकारी संगठनों को काम सौंपा गया है, लेकिन वे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संतोषजनक काम नहीं कर पा रहे हैं। इसका खुलासा इस आंकड़े से होता है कि अप्रैल से सितंबर तक पकड़े गए कुत्तों मे से 2350 में से 1800 का बंध्याकरण निगम के दस्ते ने ही किया, वहीं एनजीओ की ओर से मात्र 550 कुत्तों का बंध्याकरण किया गया। यही कारण है कि कुत्तों की संख्या में लगातार बढ़ी है। इनके शिकार होकर लोग अस्पताल जा रहे हैं। इसके बावजूद निगम की तरफ से कोई गंभीर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। निगम के अधिकारी ने नाम न छापने पर जानकारी दी कि एनजीओ की तरफ से कागजी खानापूर्ति कर पैसा लिया जा रहा है। कुत्तों की संख्या बढ़ने का बड़ा करण इसे ही माना जा रहा है।

नया अनुबंध भी नहीं हुआ

निगम में बंध्याकरण के लिए काम करने वाले एनजीओ के साथ पुराना अनुबंध खत्म होने के बावजूद नया अनुबंध नहीं कर रहे हैं। उनकी ओर से पुराने अनुबंध पर ही काम किया जा रहा है। इसका कारण नए अनुबंध की कुछ शर्ते हैं। इनमें बंध्याकरण के बाद कुत्तों के रिकॉर्ड और सत्यापन के बाद भुगतान करना एक शर्त है। खास बात तो यह है कि नए अनुबंध में एक कुत्ते के बदले 750 रुपये का प्रावधान है। इसके बावजूद एनजीओ 450 रुपये के अनुबंध पर काम कर रहे हैं।

लगातार बढ़ रहे कुत्ते काटने के मामले

अशोक विहार स्थित सरकारी दीपचंद बंधु और रोहिणी स्थित डॉ. बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल में रोजाना कुत्ते काटने के औसतन 40 नए मामले सामने आ रहे हैं। यह स्थिति लगभग दूसरे अस्पतालों में भी बनी हुई है। यह आकड़ा एक साल से लगातार बढ़ रहा है। इसमें पीड़ितों में बुजुर्ग और बच्चों की संख्या ज्यादा है। रोहिणी, अशोक विहार, शकूरपुर, शालीमार बाग, बवाना, बुराड़ी, किराड़ी, मंगोलपुरी व नरेला सहित अधिकतर जगह आवारा कुत्तों का आंतक बना हुआ है।

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नीमड़ी कॉलोनी में कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कुछ दिन पहले मुझे काट दिया। इसकी शिकायत निगम में करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब तो घर से बाहर निकलने में डर लगने लगा है।

- सतीश शर्मा, पीड़ित।

हमारे यहां पर प्रतिदिन लगभग 40 नए मामले सामने आ रहे है।

- डॉ. पुनीता महाजन, डॉ. बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल।

हमारे अस्पताल में कुत्ते काटने के लगभग 40 मामले रोजाना आ रहे हैं। यह स्थिति कई महीनों से है।

- डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक, दीपचंद बंधु अस्पताल।

रोहिणी सेक्टर-27 में बंध्याकरण केंद्र और पशु चिकित्सालय बनाने के लिए डीडीए से जमीन खरीदी गई है। इस पर काम शुरू हो गया है। इसके अलावा तिमारपुर में भी बंध्याकरण केंद्र बनाया जाएगा। हमारा प्रयास दूसरों पर से निर्भरता खत्म करना है।

- योगेंद्र मान, प्रवक्ता, उत्तरी दिल्ली नगर निगम।


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