सोलह श्रृंगार कर दुल्हन करती रही इंतजार, पर नहीं आए सजना - पढ़े खबर
वह सोलहों श्रृंगार कर अपने हाेने वाली पति की प्रतिक्षा करती रही, लेकिन उसे मायूस होना पड़ा। दरवाजे पर न बारात आई और न दुल्हे राजा। शादी के दिन एेन मौके पर लड़के वालों ने बारात लाने से इंकार कर दिया।
फरीदाबाद । वह सोलहों श्रृंगार कर अपने हाेने वाली पति की प्रतिक्षा करती रही, लेकिन उसे मायूस होना पड़ा। दरवाजे पर न बारात आई और न दुल्हे राजा। शादी के दिन एेन मौके पर लड़के वालों ने बारात लाने से इंकार कर दिया।
लड़के वालों ने दहेज के चक्कर में शादी तोड़ दी। इस घर में एक दिन पहले तक शादी की जोर-शोर से तैयारियां चल रही थीं। शहनाइयां बज रहीं थीं। घर में रिश्तेदारों की चहल पहल थी, मंगल गीत गाए जा रहे थे। पर अब यहां सन्नाटा पसरा है। दुल्हन की सिसकियां थमने का नाम नहीं ले रहीं।
यह घटना शुक्रवार को डबुआ कॉलोनी क्षेत्र में सामने आई, जिसने भी सुना उसने दहेज लोभियों को जी-भरकर कोसा। लड़की के पिता ने लड़के वालों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करा दिया है। डबुआ कॉलोनी निवासी रमेश चंद ने बेटी सविता (नाम परिवर्तित हैं) का रिश्ता गर्ग कॉलोनी निवासी नवीन कुमार के साथ किया था। नवीन एनटीपीसी में प्रबंधक के पद पर कार्यरत है। नवरात्र में गोद भराई हुई। शादी के लिए 27 नवंबर की तारीख तय हुई।
रमेश चंद का कहना है कि 23 नवंबर को लग्न तक वह लड़का पक्ष को 11 लाख रुपये शगुन के तौर पर दे चुके थे। लग्न के बाद वर पक्ष ने स्विफ्ट डिजायर कार व 11 लाख रुपये के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। उधर, रमेश चंद शादी की तैयारियों में जुट गए।
26 नवंबर को वर पक्ष ने बरात लेकर आने से इनकार कर दिया। यह सूचना मिलते ही शादी की खुशियां मातम में बदल गई। शुक्रवार को तय समय पर हलवाई, टेंट व मंडप लगाने वाले, फोटोग्राफर घर पहुंचे। उन्हें देखते ही रमेश फूट-फूटकर रो पड़े। उनके घर पर अब सांत्वना देने वालों का तांता लगा है।
बेटी का पिता होना गुनाह है क्या :
रमेश चंद घर आने वालों से प्रश्न कर रहे हैं कि क्या बेटी का पिता होना गुनाह है। उनका कहना है कि उनकी बेटी ने बीसीए की पढ़ाई की है। रूप व गुण से भी वह संपन्न है। ङ्क्षकतु लड़का पक्ष ने दहेज के लालच में उसके यह व्यक्तिगत गुण भी नजरअंदाज कर दिए। उनका कहना है कि अगर उन्हें शादी नहीं करनी थी तो पहले मना कर देते। अब तो वह तैयारियों पर लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं।