डेढ़ वर्ष से शिकायतकर्ता गायब, कोर्ट में चलता रहा मामला
सचिन त्रिवेदी, पूर्वी दिल्ली अदालतों को कई बार पुराने मामलों में भी अचानक चौंकाने वाले तथ्यों
सचिन त्रिवेदी, पूर्वी दिल्ली
अदालतों को कई बार पुराने मामलों में भी अचानक चौंकाने वाले तथ्यों एवं परिस्थितियों का सामना करना पड़ जाता है। कुछ इसी तरह का एक मामला यहां कल्याणपुरी इलाके से सामने आया है, जहां संपत्ति विवाद से जुड़े मामले में अदालत को पता लगा कि मामले की शिकायतकर्ता ही पिछले डेढ़ वर्ष से गायब है। मगर हद तो तब हो गई जब अदालत को पता चला कि इतने ही लंबे समय से इस पूरे मामले की सुनवाई शिकायतकर्ता की गैर-मौजूदगी में ही चलती रही। वहीं शिकायतकर्ता के लापता होने के बारे में न तो उसके अधिवक्ता और न ही परिजनों ने अदालत को कुछ बताया। यह बात उस समय सामने आई जब अदालत ने शिकायतकर्ता को गवाही के लिए तलब किया, मगर वह गवाही के लिए लगाई गई तीनों तारीखों से भी नदारद रही। ऐसे में बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताते हुए अदालत के समक्ष इस गवाही को रद करने की बात रखी और शिकायतकर्ता के भाई ने बताया कि वह पिछले डेढ़ वर्ष से गायब है। अदालत के पूछने पर शिकायतकर्ता के भाई ने बताया कि वह 22 फरवरी, 2014 से गायब है, जिस पर सिविल जज आशीष गुप्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता को सभी दस्तावेजों के साथ अदालत में पेश होने का अंतिम अवसर दिया जा रहा है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो कानून के मुताबिक फैसला दूसरे पक्ष के हक में सुना दिया जाएगा।
अधिवक्ता एनके भदौरिया एवं मनीष भदौरिया ने अदालत को बताया कि कल्याणपुरी निवासी शोभावती ने अपनी दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि सतीश कुमार ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसका फ्लैट अपने नाम करा लिया है। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि फ्लैट की खरीदारी में किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है और सभी दस्तावेज असली हैं, जिस पर लगाए गए शपथ पत्र से लेकर शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर तक भी सही हैं। इस पर अदालत ने बचाव पक्ष का जवाब मिलने के बाद मामले को विचाराधीन रखा, तब तक के लिए उस फ्लैट की बिक्री एवं खरीद पर भी रोक लगा दी। अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि संपत्ति विवाद से जुड़े इस मामले में शिकायतकर्ता अब तक करीब 20 सुनवाइयों में पेश नहीं हुई है।