एम्स बना डेंगू का घर
रणविजय सिंह, नई दिल्ली केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया तो सबसे अधिक उत्साहित चिकित्सा
रणविजय सिंह, नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया तो सबसे अधिक उत्साहित चिकित्सा जगत ही था। तब डॉक्टरों ने यह कहकर योजना का स्वागत किया था कि इस अभियान से गंदगी से होने वाली बीमारियां कम होंगी। लेकिन विडंबना यह है कि अस्पतालों की चौखट पर ही स्वच्छ भारत अभियान दम तोड़ रहा है। स्थिति यह है कि देश का सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स और उसका आवासीय परिसर इन दिनों डेंगू के मच्छरों का घर बना हुआ है। सोमवार को एम्स के एक कर्मचारी के बेटे की डेंगू से मौत हो गई। वहीं, 39 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए एम्स में अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन इसके मामले बता रहे हैं कि स्थिति गंभीर हो चुकी है। ऐसे में इन दिनों एम्स में जरा संभलकर जाएं। एम्स और उसके आवासीय परिसरों में डेंगू के प्रकोप से स्वास्थ्य कर्मी भी सहमे हुए हैं। कर्मचारी के 28 वर्षीय बेटे की मौत के बाद तो अस्पताल में हड़कंप मचा है। एम्स प्रशासन ने इस मामले की पुष्टि की है। उसके पिता एम्स निदेशक कार्यालय में कार्यरत हैं। एम्स के अनुसार 30 अगस्त को उसे इलाज के लिए भर्ती किया गया था और 31 अगस्त को डेंगू शॉक सिंड्रोम की वजह से उसकी मौत हो गई। दिल्ली में अब डेंगू से मरने वालों की संख्या चार हो गई है।
एम्स के आवासीय परिसर आयुर्वेद नगर में डेंगू का प्रकोप अधिक है। एम्स के प्रवक्ता डॉ. अमित गुप्ता ने कहा कि सबसे अधिक मामले आयुर्वेद नगर से ही आए हैं। एम्स में डेंगू के अब तक आए 39 में से 25 मामले आयुर्वेद नगर से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए कमेटी गठित कर अभियान चलाया जा रहा है। बहरहाल एम्स सूत्रों के अनुसार संस्थान के हास्टल और डॉक्टरों के आवासीय परिसर में भी डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है। कई रेजिडेंट डॉक्टर व छात्र इससे प्रभावित हुए हैं। अस्पताल के वार्डो में भी डेंगू के मच्छरों का खतरा है। इसलिए मेडिसिन, पीडियाट्रिक ओपीडी आदि में मरीजों को बुकलेट दिए जा रहे हैं। एम्स और इसके आवासीय परिसर में डेंगू फैलने का कारण स्वच्छता का अभाव बताया जा रहा है। आयुर्वेद नगर में जगह-जगह पड़े बोतल आदि इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। आयुर्वेद नगर की बदहाल स्थिति को देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि यहां उस एम्स के स्वास्थ्य कर्मी रहते हैं, जो दूसरों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाते हैं।