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यमुना पुर्नोद्धार में लापरवाही पर दिल्ली सरकार पर 1 लाख जुर्माना

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : यमुना नदी के पुर्नोद्धार में लापरवाही बरतने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (

By Edited By: Published: Tue, 11 Aug 2015 10:44 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2015 10:44 PM (IST)

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : यमुना नदी के पुर्नोद्धार में लापरवाही बरतने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्ती बरतते हुए दिल्ली सरकार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना दिल्ली जल बोर्ड, (डीजेबी), दिल्ली राज्य औद्योगिक बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआइआइडीसी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) समेत अन्य सिविक एजेंसियों के उच्च अधिकारियों के वेतन से वसूला जाएगा।

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इसके अलावा एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार की पीठ ने डीपीसीसी को अगले दो हफ्ते में राजधानी के रिहायशी इलाकों व औद्योगिक इलाकों में अवैध रूप से चल रहीं औद्योगिक ईकाइयों को बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। एनजीटी मैली सी निर्मल यमुना रिवाइटलाइजेशन प्रोजेक्ट 2017 पर जारी किए गए निर्देशों के क्रियान्वन मामले में सुनवाई कर रही थी।

एनजीटी ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को ट्रीटमेंट प्लांट पर तीन माह के भीतर संबंधित सिविक एजेंसियों के साथ बैठक करने के निर्देश भी दिए। सुनवाई के दौरान चेयरमैन ने कहा कि यमुना नदी को साफ करना हमारी प्राथमिकता में हैं, लेकिन बावजूद इसके विभिन्न सरकारी एजेंसियां मामले में एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर अपना पल्ला झाड़ रही हैं। किसी ने भी मामले में उचित जवाब दाखिल नहीं किया है। इससे पहले अदालत ने राजधानी के 11 औद्योगिक इलाकों पर सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। एनजीटी ने पूछा था कि इन औद्योगिक इलाकों से निकलने वाला गंदा पानी किस तरह साफ होकर यमुना में गिर रहा है। इस बारे में दाखिल सरकार के जवाब पर एनजीटी ने असंतोष जताया है।


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