राष्ट्रपति की चौखट पर पहुंचे केजरी, भाजपा ने साधा मौन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस तरह से चुपचाप राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दरबार पहुंचकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच गतिरोधों को रेखाकिंत किया, उसकी अब तक भले ही राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने नहीं आई है। लेकिन उसके बड़े राजनीतिक निहितार्थ हैं।
नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस तरह से चुपचाप राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दरबार पहुंचकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच गतिरोधों को रेखाकिंत किया, उसकी अब तक भले ही राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने नहीं आई है। लेकिन उसके बड़े राजनीतिक निहितार्थ हैं।
लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा नहीं केंद्र सरकार और भाजपा की खामोशी इस मुलाकात को नजरअंदाज कर रही है। केंद्र सरकार की इस मुलाकात की प्रतिक्रिया का इंतजार है। वह इस मुलाकात को राजनीतिक तूल नहीं देना चाहती है।
केंद्र सरकार द्वारा बगैर किसी सूचना के दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले, उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा आए दिनों अलग-अलग मुद्दों पर टकराव व अन्य समस्याओं को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रपति के दरबार में पहुंचे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की तकरीबन एक घंटे की मुलाकात के दौरान कई सियासी मुद्दों पर चर्चा की। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले, उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा आए दिनों अलग-अलग मुद्दों पर टकराव व अन्य समस्याओं को लेकर चर्चा हुई ।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिल्ली सरकार को कामकाज चलाने में जो परेशानी हो रही है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रपति के साथ साझा किया।
गत दिनों दिल्ली सरकार में अधिकारियों की नियुक्ति व विभागों के बंटवारे को लेकर उपराज्यपाल व सरकार के बीच टकराव के हालात बने उसकी भी चर्चा हुई। दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली व आनंद पर्वत इलाके में मीनाक्षी हत्याकांड के बाद कार्रवाई को लेकर जब पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया तो पुलिस की बर्बरता की जानकारी राष्ट्रपति को दी गई।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से गुजारिश की कि दिल्ली सरकार को ठीक तरह के अपना कामकाज करने में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए सीधे हस्तक्षेप करें।
मालूम हो कि बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को बेहद तल्ख पत्र लिखकर एतराज जताया था कि दिल्ली से संबंधित सारे फैसले केंद्रीय गृह मंत्रालय करता हैए लेकिन यह भी उतना ही सच है कि डिक्टेशन प्रधानमंत्री कार्यालय से दी जाती है।
मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा था कि अब तक उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार के 25 फैसलों को अवैध ठहराया है और कानून विशेषज्ञों के अनुसार उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है।