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कई ऐतिहासिक दुकानें हैं चांदनी चौक में

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : घंटेवाला की ऐतिहासिक दुकान पर भले ही ताला लटक गया है। लेकिन पुरानी दिल्

By Edited By: Published: Fri, 03 Jul 2015 12:23 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2015 12:23 AM (IST)
कई ऐतिहासिक दुकानें हैं चांदनी चौक में

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : घंटेवाला की ऐतिहासिक दुकान पर भले ही ताला लटक गया है। लेकिन पुरानी दिल्ली में ऐसी कई ऐतिहासिक दुकानें आज भी मौजूद हैं। इनके स्वाद के दीवानों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। इनमें से चाइना राम हलवाई और कंवरजी की ऐतिहासिक दुकानों पर मिठाइयों, नमकीन और पूड़ी के लिए ग्राहकों की भीड़ देखी जा सकती है। इसी तरह सड़क पर कई दुकानें हैं। इनके दही भल्ले, चाट पकौड़ी, टिक्की, परांठा और छोले कुलचे की दुकानों पर ग्राहकों की कतार रहती है।

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गुणवत्ता के दम पर बना रखी है बाजार में जगह

चांदनी चौक में पार्किंग की समस्या और चेन रेस्तरां की बढ़ती फौज से इन ऐतिहासिक और स्वाद के लिहाज से खास पहचान बनाने वाली दुकानों को अब थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। तब भी इनके संचालक मानते हैं कि अगर गुणवत्ता और व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आता है तब तक उनके ग्राहक कहीं नहीं जाएंगे। परांठे वाली गली के नजदीक मौजूद कंवलजी की स्थापना 1850 में हुई थी। इसके मौजूदा मालिक कपिंद्र कुमार कहते हैं कि उनकी दुकान में ग्राहकों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। वह बताते हैं कि इस मामले में मिठाइयों और नमकीन जैसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता काफी मायने रखती है। अगर इससे समझौता नहीं हुआ तो दुकानदारी प्रभावित नहीं होगी। इसके साथ ही दुकान को लेकर ग्राहकों की पसंद बनाए रखने के लिए उनके साथ व्यवहार भी काफी मायने रखता है।

कंवलजी की दुकान की गुलाब जामुन, इमरती, अंजीर बर्फी समेत दालबिजी, आलू लच्छा समेत अन्य प्रकार की नमकीनें खासी प्रसिद्ध हैं। इसी में फतेहपुरी मस्जिद स्थित चाइना राम हलवाई दुकान का जिक्र आता है। 1901 में स्थापित चाइना राम के पूड़ी छोले, सेव बादाम, कराची हलवा, गुजिया, काजू की बर्फी समेत अन्य सामान आज भी प्रसिद्ध हैं। दुकान पर ग्राहकों की लंबी कतार देखी जा सकती है।

ऐतिहासिक दुकानों के सामने मुश्किलें भी

खान-पान के मामले में पुरानी दिल्ली काफी प्रसिद्ध है। कई प्रसिद्ध और ऐतिहासिक दुकानों के स्वाद लोगों की जुबान को आज भी संतुष्ट कर रही है। लेकिन इन दुकानों को भी बदलते दौर में चेन रेस्तरां से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। चेन वाले रेस्तरां में जहां बैठने की जगह और एसी की सुविधा है, वहीं इन दुकानों पर खड़े होने की जगह भी मुश्किल से मिल पाती है। इनका दावा गुणवत्ता का है। कंवलजी के मालिक कपिंद्र कुमार कहते हैं कि यह सही है कि सुविधाओं के मोर्चे पर इन चेन रेस्तरां से टक्कर मिल रही है। लेकिन यह चिंता बढ़ाने वाली बात नहीं है, क्योंकि उनके उत्पाद परंपरागत हैं जो देशी घी में तैयार होते हैं। गुणवत्ता और स्वाद में भी यह अलग पहचान बनाए हुए हैं। चांदनी चौक की दुकानें बदलते समय के साथ प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए इंटरनेट प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध हैं। बाकायदा वेबसाइट के माध्यम से ग्राहकों की राय के साथ आर्डर लिए जाते हैं।


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