हर सीट का होगा ऑनलाइन हिसाब
शैलेन्द्र सिंह, नई दिल्ली कॉलेज स्तर पर जुगाड़ कर दाखिले की बाट जोह रहे नटवरलालों के लिए बुरी खबर ह
शैलेन्द्र सिंह, नई दिल्ली
कॉलेज स्तर पर जुगाड़ कर दाखिले की बाट जोह रहे नटवरलालों के लिए बुरी खबर है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने कॉलेज के स्तर पर हर उस संभावना को खत्म कर दिया है, जिसके चलते एक कटऑफ से दूसरी कटऑफ के बीच खास विद्यार्थियों के लिए दाखिले का मार्ग प्रशस्त हो सकता था। कॉलेज प्रशासन का यह बहाना नहीं चलेगा कि सभी सीटें भर गई हैं, अब दाखिला नहीं होगा या फिर एक कटऑफ के बाद नो एंट्री और फिर दोबारा से दाखिले के लिए कटऑफ जारी। सीट खाली हो या भरी कॉलेज को रोजाना इससे संबंधित ब्यौरा ऑनलाइन उपलब्ध कराना होगा।
कॉलेज कभी ओवर एडमिशन (ज्यादा दाखिले) की बाढ़ से बचने के लिए तो कभी सिफारिशी उम्मीदवार के लिए सीटों की अनुपलब्धता की बात कर नो एंट्री का बोर्ड लगा देते हैं। इसके बाद चुपके से आगे आने वाली कटऑफ में फिर से दाखिले खोल देते हैं। इससे सीधे तौर पर उन विद्यार्थियों का नुकसान होता है, जो अन्य कॉलेज का रुख कर जाते हैं। कई बार माफिया के साथ मिलकर भी दाखिले का यह खेल खेला जाता है। इसके एवज में मोटी रकम वसूली जाती है।
ज्वाइंट डीन छात्र कल्याण डॉ. मलय नीरव ने बताया कि इस बार कॉलेजों को सख्त हिदायत दी गई है कि उन्हें पहले दिन से ही अपने यहा की कुल सीटों व कोर्स के अनुसार रोजाना सीटों की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। एक कटऑफ के बाद कितनी सीटों पर दाखिले हो गए व कितनी सीटें खाली रह गई, यह जानकारी अपडेट करनी होगी। इस तरह से छात्र पलभर में कॉलेज वेबसाइट के जरिए यह पता लगा सकते हैं कि किस कॉलेज में किस कोर्स की कितनी सीटें उपलब्ध हैं। ऐसे विद्यार्थी जो एक कटऑफ में दाखिला न होने के चलते दूसरी कटऑफ में किसी कॉलेज विशेष में दाखिले की आस लगाए होंगे वे भी ऑनलाइन जान लेंगे कि अगली कटऑफ आएगी या नहीं। यदि कॉलेज वेबसाइट पर संबंधित कोर्स में खाली सीटों की जानकारी देता है तो कटऑफ आएगी अन्यथा नहीं।
दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों को होगा फायदा
इस सुविधा का सबसे ज्यादा लाभ उन विद्यार्थियों को होगा जो दूसरे राज्यों से दिल्ली आते हैं। वे घर बैठे ही कॉलेज में दाखिले की जानकारी हासिल कर सकेंगे। उन्हें पता चल जाएगा कि किस कॉलेज की कटऑफ में उनका नंबर आ रहा है।