सिग्नेचर ब्रिज से देख सकेंगे दिल्ली
वीके शुक्ला, नई दिल्ली दिल्ली के लैंडमार्क सिग्नेचर ब्रिज के तैयार होने के बाद इसके ऊपरी भाग पर चढ
वीके शुक्ला, नई दिल्ली
दिल्ली के लैंडमार्क सिग्नेचर ब्रिज के तैयार होने के बाद इसके ऊपरी भाग पर चढ़कर लोग दिल्ली को देख सकेंगे। नए प्रावधान के तहत टावर के ऊपरी भाग में 15 मीटर का हिस्सा कांच का बना होगा। जिसके अंदर से लोग दिल्ली को निहार सकेंगे। इस टावर पर विभिन्न प्रकार की लाइटें लगाई जाएंगी जो अलग-अलग त्योहारों पर अलग-अलग रंग का प्रकाश देंगी। टावर के नीचे एक कैफेटेरिया खोला जाएगा। सिग्नेचर ब्रिज के आसपास के इलाके को बेहतर ढंग से विकसित किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने योजना में बदलाव कर यह सब नए प्रावधान शामिल किए हैं। इससे पहले टावर के ऊपरी भाग में आम लोगों के जाने का प्रावधान नहीं था। केवल मरम्मत कार्य के लिए ही जाने की व्यवस्था की गई थी। इस टावर में दो लिफ्ट लगाई जाएंगी। मार्च 2016 तक इसको तैयार करने की समयसीमा निर्धारित की गई है। मगर काम की जटिलता को देखते हुए इसमें और समय लग सकता है। पर्यटन मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने कार्य की प्रगति जानने के लिए पिछले सप्ताह रिव्यू मीटिंग बुलाई थी। उन्होंने अधिकारियों को कार्य की गति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
जर्मनी से बुलाए गए हैं विशेषज्ञ
दिल्ली के अभियंताओं के लिए यह नया अनुभव है। इसलिए कार्य की गंभीरता को देखते हुए जर्मनी से इस प्रकार की योजनाओं पर काम करने वाले विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है।
मुख्य बिंदु
-टावर चीन में तैयार किया गया है। -इसकी ऊंचाई 154 मीटर है।
-टावर (पिलर) का कुल वजन 15 हजार टन है।
योजना क्यों है खास
सिग्नेचर ब्रिज बिल्कुल अलग ब्रिज होगा। ऐसा माना जा रहा है कि इसके बनने के बाद देश-विदेश के पर्यटक इसे अद्भुत फ्लाईओवर के रूप में देखने आएंगे। ब्रिज 650 मीटर लंबा होगा। खास बात यह होगी कि ब्रिज के 350 मीटर लंबे हिस्से में कोई पिलर नहीं होगा। इसका वजन वह टावर रोकेगा जो 154 मीटर ऊंचा बन रहा है। फ्लाईओवर को इस टावर से मोटे तारों से रोका जाएगा।