राह का कांटा साबित हो रही भवन निर्माण सामग्री
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अतिक्रमण से सर्विस लेन सिकुड़ती जा रही हैं। बमुश्किल ही लोग आवागमन के
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
अतिक्रमण से सर्विस लेन सिकुड़ती जा रही हैं। बमुश्किल ही लोग आवागमन के लिए ऐसी लेन का प्रयोग कर पा रहे हैं। सर्विस लेन की बची जगह भी भवन निर्माण सामग्री से भर दी जाए तो स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। कई हफ्तों से कुछ ऐसा ही नजारा लक्ष्मीनगर मेट्रो स्टेशन गेट संख्या तीन से कुछ दूरी पर देखने को मिल रहा है। फुटपाथ पर आवागमन आसान नहीं रह गया है, वहीं सर्विस लेन में ही सरिये की कटाई के कारण पैदल चलना भी दूभर हो रहा है।
निकटवर्ती रिहायशी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के मुताबिक गलियों से निकलकर सर्विस रोड का प्रयोग आसान नहीं रह गया है। सर्विस रोड पर लापरवाही से सरिया रखा गया है, जिसमें उलझकर गिरने का खतरा बना रहता है। सड़क किनारे ईट का टीला खड़ा कर दिया गया है। दूसरी ओर फुटपाथ पर रेत का ढेर फैला दिया गया है। ऐसे में सर्विस रोड से आवागमन करना कितना आसान होगा, इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है। स्थानीय जागरूक लोगों ने जब इसके खिलाफ आवाज बुलंद की तो सर्विस रोड पर अतिक्रमण फैलाने वाले लोगों ने उन्हें इस बात का हवाला दिया कि जगह नहीं है तो आखिर वह भवन निर्माण सामग्री कहां रखें? यह भी तर्क दिया गया कि इलाके में कई स्थानों पर भवन निर्माण चल रहा है और उसकी सामग्री रोड पर ही रखी गई है। सबसे पहले उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। लोगों का कहना है कि कायदे से इस सवाल का जबाब नगर निगम अधिकारियों को देना चाहिए, जो इस प्रकार की कवायदों पर कार्रवाई करने के बजाय मूकदर्शक बने हुए हैं। लोगों ने सवाल करते हुए कहा कि जगह नहीं है तो सार्वजनिक स्थानों और मार्गो को बाधित करने से क्या हासिल होगा। इसके लिए भवन निर्माण की योजना बनाने से पहले सोचना चाहिए।
कोट्
सार्वजनिकस्थल पर इस तरह की कवायदें स्वीकार नहीं हैं। नियम कायदे से समझौता नहीं किया जा सकता है। भवन निर्माता को नियमों का ख्याल रखते हुए निर्माण करना चाहिए। मौका मुआयना करवाया जाएगा। अगर बताई गई स्थिति दिखती है, तो कार्रवाई की जाएगी।
-अतीक अहमद, उपायुक्त, नगर निगम शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र।