फुटओवर ब्रिज पर सजा बाजार
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली दिल्ली में रेहड़ी-पटरी वालों को स्थायी जगह देने से पहले हटाने पर रोक क
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली
दिल्ली में रेहड़ी-पटरी वालों को स्थायी जगह देने से पहले हटाने पर रोक का असर यह हो रहा है कि अब ये कहीं भी दुकान सजा ले रहे हैं। इसकी बानगी देखनी हो तो आनंद विहार बस अड्डे के सामने फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल करके देखें। यह फुटओवर ब्रिज एक छोटे बाजार में तब्दील हो चुका है, जहां कपड़े से लेकर मोबाइल के उपकरण तक मिल जाते हैं। राहगीरों के इस्तेमाल के बनाए गए इस फुटओवर ब्रिज का इस तरह खुला अतिक्रमण संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
बता दें कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा और आनंद विहार बस अड्डा होने के कारण यहां काफी भीड़भाड़ रहती है। यहां यू-टर्न बंद करने की योजना के तहत कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले फुटओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था, ताकि मार्ग संख्या 56 के एक तरफ से दूसरे तरफ आवागमन में लोगों को सहूलियत हो, लेकिन सहूलियत के बजाय यह फुटओवर ब्रिज लोगों की परेशानी का कारण बनता जा रहा है। अधिक भीड़ होने पर लोगों को चलने के लिए रास्ता नहीं बचता। ब्रिज का आधा हिस्सा पटरी वालों ने कब्जा कर लिया है। इन पटरी वालों का कहना है कि सड़क के दोनों तरफ अब जगह नहीं बची है ऐसे में हम लोग कहां जाएं। सुबह से शाम तक यहीं बैठकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। यहां अधिक लोगों के आने के कारण बिक्री भी अच्छी हो जाती है। एक राहगीर ने बताया कि जिस तरह से यहां दुकानें सज रही हैं वह दिन दूर नहीं जब दोनों तरफ से दुकानें हो जाएंगी और इस पर लोगों के आने-जाने के लिए रास्ता तक नहीं बचेगा। राहगीरों का आरोप हैं कि यह सब पुलिस और संबंधित विभागों के संरक्षण में हो रहा है। नगर निगम के अधिकारी इसे लोक निर्माण विभाग का मामला बताकर पल्ला झाड़ते हैं तो वहीं पुलिस का कहना है कि जब तक उनके पास शिकायत नहीं आती वे कार्रवाई कैसे करेंगे। वे समय-समय पर विभागों को अतिक्रमण की सूचना देते रहते हैं। विभाग अगर उनसे मदद मांगती है तो वे तैयार हैं।