समस्याओं से जूझती शिक्षा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : हमारी शिक्षा प्रणाली उपलब्धता, समानता और गुणवत्ता की समस्या से जूझ रही है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : हमारी शिक्षा प्रणाली उपलब्धता, समानता और गुणवत्ता की समस्या से जूझ रही है। यह बात उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर शिक्षा, सशक्तीकरण और नियोजनीयता विषय पर आयोजित व्याख्यान में कहीं। समारोह में विभिन्न विषयों में 207 पीएचडी तथा 22 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की संख्या अब भी ज्यादा है। शिक्षा के क्षेत्र में उच्च प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी, कमजोर बुनियादी ढंाचा और पुराने पड़ चुके पाठ्यक्रम जैसी समस्याएं आज भी बरकरार हैं। सकल घरेलू उत्पाद का जो हिस्सा शिक्षा क्षेत्र में संसाधनों के रूप में जाता है वह आवश्यकता से कम है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विश्व में चीन के बाद भारत में सबसे बड़ी कार्यशील जनसंख्या है। यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2022 तक हमारी कुल जनसंख्या में से 63 फीसद लोग कार्यशील आयु वर्ग में होंगे। यह जनसंख्या संरचना विकास की अपार संभावनाओं की ओर इशारा कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा केंद्र और राज्य दोनों के अधीन है, इसलिए गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जाने की जरूरत है। पिछले कुछ सालों में निजी क्षेत्र में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इससे एक अलग तरह की समस्या खड़ी हो गई है। इस अवसर पर जामिया हमदर्द के कुलाधिपति डॉ. हबिल खोराकीवाला, कुलपति डॉ. जीएन काजी सहित विश्वविद्यालय के कई शिक्षक उपस्थित थे।