विश्वासघात कर रहे केजरी
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : भाजपा नेता व मटियाला के पूर्व विधायक राजेश गहलौत ने योगेंद्र-प्रशा
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : भाजपा नेता व मटियाला के पूर्व विधायक राजेश गहलौत ने योगेंद्र-प्रशांत प्रकरण पर कहा कि आप के ताजा निर्णय में कोई आश्चर्य की बात नहीं है। ऐसा तो होना ही था। दरअसल, राजनीतिक पार्टियां विचारधारा के आधार पर बनती हैं। पार्टियों को स्थापित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है। इस लड़ाई के दौरान चंद समर्पित बचे लोग पार्टी के विचारधारा के साथ आगे बढ़ते हैं, लेकिन सही मायने में आम आदमी पार्टी का गठन ही कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा जैसी स्थिति में हुआ है। इसकी कोई विचारधारा नहीं है। बगैर लंबे संघर्ष के आप को सफलता हाथ लग गई।
अब अरविंद केजरीवाल अपना असली रूप दिखा रहे हैं। वह शुरू से ही तानाशाह की भूमिका में थे। अब उनकी कलई परत दर परत खुल रही है। योगेंद्र यादव सहित अन्य नेताओं को पार्टी से किनारा किए जाना उनके तानाशाह रवैये को दर्शाता है। यह कार्यकर्ताओं के लिए विश्वासघात है। शुरुआत में कई लोग अपनी अच्छी नौकरी तथा सब कुछ न्यौछावर कर इमानदारी से आप से जुड़े थे। वहीं लोगों में नई उमंग और एक नई उम्मीद थी, लेकिन इस प्रकरण के बाद 70 फीसद कार्यकर्ताओं में निराशा है।
राजेश गहलौत ने बताया कि चुनाव से पहले भी उन्होंने अन्य पार्टियों को बदनाम करने के लिए स्टिंग के अलावा अपने नेताओं को खरीदने के प्रस्ताव का खुलासा कर झूठी हमदर्दी हासिल करने की कोशिश की थी। इसमें वे सफल भी रहे। लेकिन जनता की उम्मीदों को छोड़ दें तो पार्टी कार्यकर्ताओं के अपेक्षा पर भी खरी नहीं उतर रही है। पार्टी में केजरीवाल तानाशाही चला रहे हैं। आप के गत डेढ़ महीने के शासनकाल की बात करें तो दिल्ली के विकास के सारे कार्य ठप पड़ गए हैं। क्षेत्र में कोई काम नहीं हो रहा है। केजरीवाल अपनी ही पार्टी के विवाद में उलझे हुए हैं और इसका खामियाजा जनता भुगत रही है।