पद बांट विधायकों का लिया साथ : सतीश
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) में मचे घमासान को भाजपा ने पूर्वनियोजित सियासी ड्रामा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) में मचे घमासान को भाजपा ने पूर्वनियोजित सियासी ड्रामा करार दिया है। भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी स्क्रिप्ट पहले ही तैयार कर ली थी। इस लड़ाई में पार्टी विधायकों का साथ लेने के लिए उनके बीच पदों की रेवडि़यां बांटी गई थीं। पार्टी ने कहा है कि यह विधायी शक्ति का दुरुपयोग है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने पूरी ताकत पार्टी के अंदर अपने समकक्ष नेतृत्व को समाप्त करने में लगा दी है और उन्हें दिल्ली की जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है।
दिल्लीवासियों की भावनाओं से खिलवाड़ किया
आप में पिछले कई दिनों से चल रहे घमासान तथा शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जिस तरह मारपीट होने की बात सामने आई है, इसे भाजपा ने दिल्लीवासियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय का कहना है कि आप की शनिवार को हुई बैठक में जो कुछ हुआ इसकी भूमिका मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पहले ही तैयार कर ली थी। इसके लिए 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर अपने खेमे में करने का प्रयास किया गया। 11 विधायकों को जिला विकास समिति का चेयरमैन बनाने के साथ ही कई अन्य पदों पर भी विधायकों की तैनाती की गई है। इसी तरह से आशीष खेतान को दिल्ली डॉयलाग कमीशन की कमान सौंप दी गई। उपाध्याय ने कहा कि ऐसा करके सरकारी खजाने पर बोझ डाला गया है।
विधायी ताकत के दुरुपयोग का आरोप लगाया
सतीश उपाध्याय का कहना है कि राजनीतिक दलों में मतभेद या दलबदल कोई नई बात नहीं है पर अपनी विधायी ताकत का दुरुपयोग कर जिस तरह केजरीवाल ने पार्टी में अपने समकक्ष नेतृत्व को समाप्त किया, ऐसा पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आपसी लड़ाई प्रत्येक दल में है लेकिन आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में वरिष्ठ सदस्यों के साथ जिस तरह ¨हसा हुई ऐसा पहले कभी दिल्ली की राजनीति में नहीं देखा गया। प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि योगेंद्र यादव एवं प्रशांत भूषण आदि नेताओं ने आप के लिए काफी काम किया है। चुनाव के दौरान हर दूसरे टीवी चैनल पर यादव आप की ओर से मोर्चा संभाले दिखते थे। दिल्ली देहात में भी उन्होंने आप के लिए अत्यधिक काम किया लेकिन आश्चर्य होता है कि चुनाव जीतने के बाद से ही उन पर चुनाव में भीतरघात के आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण व अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ भी ऐसा ही किया गया।