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पुलिस नहीं दर्ज कर रही है एफआइआर

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शाहदरा उत्तरी जोन में एक तरफ नगर निगम

By Edited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 07:41 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 07:41 PM (IST)

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

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पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शाहदरा उत्तरी जोन में एक तरफ नगर निगम अवैध रूप से बनने वाले मकानों को सील करने में जुटा हुआ है। वहीं दूसरी ओर नियम कायदों को ताक पर रखकर बिल्डर इमारतों की सील को तोड़ कर उन मकानों को बेचने में जुटे हुए हैं। इस संबंध में निगम द्वारा पुलिस को शिकायत दी जा रही है, लेकिन पुलिस एफआइआर तक दर्ज नहीं कर रही है। अब इस संबंध में आम लोगों ने भी पुलिस से शिकायत करनी शुरू कर दी है।

नगर निगम शादहरा उत्तरी जोन की उपायुक्त अलका शर्मा बताती हैं कि अवैध निर्माण के खिलाफ निगम की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। अवैध निर्माण करने वालों के संबंध में जहां निगम कार्रवाई की प्रक्रिया को शुरू करता है वहीं इसकी सूचना तत्काल पुलिस को भी दी जाती है। जिससे अवैध निर्माण पर तुरंत रोक लगाई जा सके। इसके अलावा बुक करने, सील करने और अवैध मकान को तोड़ने की कार्रवाई की जाती है। निगम द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 986 लोगों को कार्य रोकने का नोटिस दिया गया है। इसके अलावा 429 संपत्तियों को बुक किया गया है। इसके अलावा 358 संपत्तियों को तोड़फोड़ और 126 को सील करने की कार्रवाई की गई है। शास्त्री पार्क सहित जोन के अलग-अलग वार्ड क्षेत्र में अधिकतर जगहों पर लोगों ने निगम द्वारा सील की गई संपत्तियों को तोड़ दिया और मनमाने तरीके से उसमें निर्माण करने लगे। कई जगहों पर तो बिल्डरों ने संपत्ति को बेचने का भी कार्य किया है। शास्त्री पार्क निवासी दिवाकर पांडेय का कहना है कि शास्त्री पार्क में दो संपत्तियों की सील तोड़ दी गई, लेकिन इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। निगम आयुक्त अलका शर्मा कहती हैं कि सितंबर से 26 फरवरी के बीच 119 संपत्तियों की सील तोड़ने की शिकायत मिली है। इस संबंध में संबंधित थानाध्यक्ष को मामला दर्ज करने के लिए पत्र लिखा गया है, लेकिन अभी तक एक मामले में भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई हैं। कुछ मामलों में पुलिस द्वारा कुछ दस्तावेज या जवाब मांगा गया था जिसे दे दिया गया, लेकिन निगम को एक भी एफआइआर की कॉपी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि अब इस संबंध में पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा। वहीं इस संबंध में उत्तर पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त आरए संजीव कहते हैं कि शिकायत के बाद मामले दर्ज किए जाते हैं। अगर कहीं ऐसा नहीं किया जा रहा है तो निगम उपायुक्त उन्हें सूची उपलब्ध करवा सकती हैं। वह कहते हैं कि उस्मानपुर इलाके में संपत्ति के संबंध में निगम से जवाब मांगा गया था क्योंकि जिस संपत्ति के खिलाफ निगम ने मामला दर्ज करने के लिए कहा था उसमें चोरी की घटना हुई थी और एफआइआर दर्ज की गई थी। जांच संबंधी कार्यों के लिए इसे डी-सील करने के लिए निगम को पत्र लिखा जाएगा।


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