'पाक से चल रहा केजरी का चुनाव अभियान'
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सवालों के चक्रव्
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सवालों के चक्रव्यूह में लगातार दूसरे दिन भी फंसाया। आप संयोजक पर राष्ट्रविरोधी ताकतों से चंदा लेने व संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करने का आरोप लगाने व किरण बेदी को अवसरवादी बताने को महिला सम्मान से जोड़कर कठघरे में खड़ा कर दिया। वाणिज्य राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पांच सवाल पूछते हुए केजरीवाल व उनकी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए।
इसके अलावा आप संयोजक द्वारा किरण बेदी को बहस की चुनौती देने पर वाणिज्य राज्यमंत्री ने कहा कि आप के डीएनए में बहस करना नहीं, बल्कि आरोप लगाकर भाग जाना है। यदि केजरीवाल बहस करना चाहते हैं तो उन्हें पहले आप छोड़कर भाजपा में आने वाली अपनी पूर्व सहयोगी शाजिया इल्मी और अश्वनी उपाध्याय से करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा बृहस्पतिवार को पूछे गए सवालों का जवाब देने के बजाये आप के नेता इसे पुराना मामला बता रहे हैं। बेशक मामले पुराने हैं, लेकिन दिल्लीवासियों को अब तक उसका जवाब नहीं मिला है। इसलिए यह आम जनता का सवाल है, जिसका जवाब देना आप की जिम्मेदारी है। उन्होंने आप नेताओं द्वारा यह कहे जाने पर कि भाजपा पांच क्यों 50 सवाल पूछे, इस पर उनका कहना था कि सवाल सवालों की संख्या का नहीं उसकी गंभीरता का है।
भाजपा ने पूछे पांच सवाल
1. राष्ट्रविरोधी ताकतों से चुनाव प्रचार में क्यों ले रहे चंदा ?
- आप ने चुनाव प्रचार अभियान का काम राष्ट्र विरोधी विदेशी ताकतों को सौंप दिया है जो कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और दुबई से संचालित किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने आप की वेबसाइट का भी हवाला दिया, जिसमें यह बताया गया है कि आप प्रत्याशियों के समर्थन में कहां से अभियान चल रहे हैं।
2. लोस चुनाव के खर्चे का ब्योरा आयोग को क्यों नहीं दिया?
- राजनीति में शुचिता और राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे की जानकारी आरटीआइ के तहत मांगने वाली आप ने अभी तक लोस चुनाव के खर्चे की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी है। इससे पता चलता है कि वह अपने चंदे व चुनाव खर्च की जानकारी किस तरह से छिपा रही है।
3. महिला सम्मान के साथ क्यों कर रहे खिलवाड़?
- आप द्वारा किरण बेदी को अवसरवादी बताने वाले पोस्टर ऑटो पर लगाकर प्रचार करने को केजरीवाल की महिला विरोधी मानसिकता बताया। आप की संस्थापक सदस्य रहीं शाजिया इल्मी, मधु भादुड़ी सहित अन्य महिलाएं साथ छोड़ चुकी हैं, जिससे साबित होता है कि आप में महिलाओं का सम्मान नहीं है। वहीं भाजपा ने किरण बेदी जैसी मजबूत महिला को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो आप के नेता दुष्प्रचार करते हुए मर्यादा लांघ रहे हैं। यह उनकी महिला विरोधी मानसिकता का प्रतीक है।
4. चुनाव आयोग व अन्य संवैधानिक संस्था का क्यों करते हैं अपमान?
-आप का संवैधानिक संस्थाओं में कोई विश्वास नहीं है। इसका उदाहरण चुनाव आयोग द्वारा तीन बार हिदायत देने के बावजूद वे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए हाई कोर्ट में जाने की बात कर रहे हैं। यह बात भी याद रखनी चाहिए कि पहले वह बेल के लिए अदालत जाने से इन्कार कर चुके हैं।
5. लोकपाल व लोकायुक्त के लिए आंदोलन क्यों छोड़ा?
- लोकपाल व लोकायुक्त को लेकर भी भाजपा ने आप के संयोजक पर दोहरी नीति अपनाने व लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। लोकपाल के नाम पर लोगों को गुमराह कर समर्थन हासिल करने वाले केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली में मौजूद लोकायुक्त को सशक्त करने के लिए कदम नहीं उठाए और न ही मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद कभी लोकपाल व लोकायुक्त के लिए कोई प्रदर्शन किया। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार ने मजबूत लोकायुक्त बनाया था, जिसकी सराहना अन्ना हजारे ने भी की थी, जिसे राष्ट्रपति के यहां से दो वर्षो बाद मंजूरी मिली और कांग्रेस ने इसे काफी कमजोर कर दिया, लेकिन केजरीवाल ने कभी भी इसके लिए कोई आंदोलन नहीं किया।