प्रशासन का छात्रों की सुरक्षा पर नहीं ध्यान
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : स्कूल में बच्चों को डंडा लेकर आना पड़ता है, क्योंकि यहां कभी भी कोई
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : स्कूल में बच्चों को डंडा लेकर आना पड़ता है, क्योंकि यहां कभी भी कोई जानवर घुस आता है। अभिभावकों को चिंता रहती है कि उनके बच्चों के साथ कोई अनहोनी न हो जाए, लेकिन प्रशासन को बच्चों की सुरक्षा की सुध नहीं है। संगम विहार के आई ब्लॉक में स्थित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम प्राथमिक बालक-बालिका विद्यालय के बगल के भवन का गेट व उसके दरवाजे टूटे हैं। इससे स्कूल में कोई भी आसानी से प्रवेश कर सकता है। प्रिंसिपल ने निगम पार्षद व अधिकारियों को पत्र लिखा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
दरअसल, पांच वर्ष पहले स्कूल के बगल में निगम के वर्क डिपार्टमेंट ने चार कमरे व शौचालय वाला स्टोर बनवाया था। इन कमरों व शौचालय की खिड़कियां स्कूल परिसर में खुलती हैं। खिड़कियां व स्टोर का मुख्य द्वार टूट चुका है। इससे असामाजिक तत्व व कुत्ते स्कूल में घुस आते हैं। यहां बैठकर लोग जुआ खेलते हैं और शराब पीते हैं। स्कूल प्रशासन ने पार्षद व निगम के उपायुक्त को पत्र लिखकर स्टोर भवन का मुख्य द्वार, कमरों के दरवाजे व खिड़कियां सही करवाने को कहा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। यहां सुबह दोनों पाली में कुल 2818 विद्यार्थी पढ़ते हैं और यहां कुल 42 शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं।
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बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रशासन को बगल वाले भवन का द्वार व खिड़कियां सही करवानी चाहिए। सुबह की पाली में लड़कियां पढ़ने आती हैं। उनके साथ कोई हादसा होने का भय बना रहता है।
- सलीम खान।
प्रशासन को यह समझना चाहिए कि बच्चों की सुरक्षा सबसे जरूरी है। स्थानीय लोगों ने भी निगम से इस बात की शिकायत की है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया।
- शहबाज खान।