दुष्कर्म के आरोपी को तीन वर्ष की कैद
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : दुष्कर्म से जुड़े मामले में आरोपी युवक को सूचना तकनीक अधिनियम 2000
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : दुष्कर्म से जुड़े मामले में आरोपी युवक को सूचना तकनीक अधिनियम 2000 की धारा 66 ई के तहत दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के कठोर कारावास का दंड सुनाया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने दोषी रोहित उर्फ रामेश्वर द्वारा किए गए कृत्य की गंभीरता को देखते हुए उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की यह रकम पीड़िता को देने का कोर्ट ने आदेश दिया है।
कोर्ट ने फैसले में दोषी द्वारा किए गए अपराध पर टिप्पणी में कहा है कि किसी भी व्यक्ति को बिना उसकी मर्जी के निजी व्यक्ति या निजी क्षेत्र का चित्र लेने या वीडियो बनाने का अधिकार नहीं है। आपसी सहमति पर आधारित शारीरिक संबंधों के मामले में भी ऐसा करने का अधिकार किसी को नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में गलत मंशा से दोषी ने जिस प्रकार शारीरिक संबंध से जुड़े वीडियो व चित्र लिए, वह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में पीड़िता हमेशा इस भय का शिकार रहती है कि कहीं ये फोटो या वीडियो इंटरनेट पर अपलोड न कर दिए जाएं। न्यायाधीश ने कहा कि हर परिस्थति में किसी भी व्यक्ति की निजता का सम्मान हर हाल में होना चाहिए।
पेश मामला वर्ष वर्ष 2013 का है। बिंदापुर थाना से जुड़े इस मामले में अभियोजन पक्ष का कहना था कि दोषी ने एक खाली बक्से में मोबाईल फोन छिपाकर पीड़िता के आपत्तिजनक चित्र व वीडियो बना लिए थे। अभियोजन पक्ष का कहना था कि दोषी करार दिए गए शख्स द्वारा वीडियो बनाने का मकसद किसी आपात स्थिति में पीड़िता को ब्लैकमेल करना था।