प्रधानमंत्री को चांदनी चौक भी घुमा देते
पवन कुमार, नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्वच्छ रखने के लिए 2 अक्टूबर से स्वच्छ भा
पवन कुमार, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्वच्छ रखने के लिए 2 अक्टूबर से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। दशहरा पर्व पर जब प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति सुभाष मैदान में रावण दहन देखने गए थे तो उन्हें चांदनी चौक भी घुमा देते। इसे उन्हें पता चल जाता कि अभियान को निगम अधिकारी महज खानापूर्ति के तौर पर ले रहे हैं। यह टिप्पणी दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट व न्यायमूर्ति एस मुरलीधर की खंडपीठ ने चांदनी चौक में बदहाल सफाई व्यवस्था को दर्शाती फोटो देखने के बाद की है।
यह फोटो चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के महासचिव संजय भार्गव की ओर से बृहस्पतिवार को एक मामले के दौरान पेश की गई। खंडपीठ ने इस लापरवाही पर नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है। निगम आयुक्त को समन जारी कर अदालत में तलब भी किया गया है। खंडपीठ ने कहा कि नगर निगम ने स्वच्छ भारत अभियान को गंभीरता से नहीं लिया है। पूरा देश इस अभियान में भागीदारी दिखा रहा है और देश की राजधानी में सफाई व्यवस्था के लिए जिम्मेदार नगर निगम खानापूर्ति कर रहा है। खासतौर पर चादनी चौक इलाके में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस अभियान को महज एक रिवाज बनाकर न छोड़ा जाए। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता की जरूरत बताई है, तो उसे पूरा कीजिए। अदालत ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह हलफनामा दायर कर अंडरटेकिंग दें कि पूरा इलाका साफ कर दिया जाएगा। वहीं खंडपीठ ने निगम को यह भी निर्देश दिया कि वह चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दायर कर बताए कि सुभाष मैदान में रामलीला मंचन के लिए कब व किससे अनुमति ली गई थी। अब इस मामले की सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
पीडब्ल्यूडी सचिव को भी समन
हाई कोर्ट के समक्ष बृहस्पतिवार को स्वयंसेवी संस्था मानुषी की ओर से अधिवक्ता इंदिरा उनीनायर ने बताया कि चांदनी चौक में रिक्शा चालकों के लिए अलग से ट्रैक बनाने के अदालत के आदेश का लोक निर्माण विभाग ने पालन नहीं किया है। उन्हें अदालत ने अवमानना का नोटिस भी जारी किया था, लेकिन वह अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं। इस पर न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट व न्यायमूर्ति एस मुरलीधर की खंडपीठ ने पीडब्ल्यूडी सचिव को समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट मानुषी संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। जिसमें रिक्शा चालकों के लिए अलग से लेन, यातायात समस्या, अतिक्रमण व बदहाल सफाई व्यवस्था के मामले अदालत के समक्ष विचाराधीन हैं।