गाजियों में बू रहेगी जब तलक ईमान की...
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : गाजियों में बू रहेगी जब तलक ईमान की, तख्त-ए- लंदन तक चलेगी तेग हिन्दुस्तान
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : गाजियों में बू रहेगी जब तलक ईमान की, तख्त-ए- लंदन तक चलेगी तेग हिन्दुस्तान की। अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के इस शेर को आधार मानते हुए तैयार किए गए स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय को अब नया जीवन मिलेगा। इसके पुनर्विकास पर दो करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। लालकिला स्थित इस संग्रहालय को भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने गोद ले लिया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) और बीएचईएल बृहस्पतिवार को इस संबंध में एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके बाद से इस संग्रहालय के रख-रखाव से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाओं पर होने वाला खर्च बीएचईएल उठाएगी। दिल्ली का यह पहला संग्रहालय है जिसे गोद लिया गया है।
ज्ञात हो कि इस संग्रहालय में 1857 से लेकर 1946 तक की आजादी की संघर्ष गाथाएं, महत्वपूर्ण कलाकृतियां व अन्य यादगार दृश्य तथा हथियार मौजूद हैं। उस अदालत का दृश्य भी देखने को मिलता है जिसमें अंग्रेजों के खिलाफ बगावत करने पर 1946 में आजाद हिंद फौज के तीन अधिकारियों का कोर्ट मार्शल किया गया था। इसमें मेजर जनरल शाहनवाज खान, कर्नल प्रेम सहगल और कर्नल गुरुबक्श सिंह शामिल थे। दिसंबर 2013 में संग्रहालय के स्थानातरण की योजना बनाई गई थी। प्रक्रिया को पूरी कर मार्च में काम शुरू होने जा रहा था कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने तीन करोड़ में से डेढ़ करोड़ की राशि वापस ले ली थी। जिससे काम रुक गया था। उसके बाद एएसआइ ने इसे स्थानांतरित करने का विचार बदल दिया था। लालकिला के अंदर 1995 में एक दो मंजिला आर्मी बैरक में इस स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय की स्थापना की गई थी। यह संग्रहालय भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के प्रमुख चरणों की झलक प्रस्तुत करता है।