निगम को नौ सौ करोड़ रुपये की जरूरत : दुबे
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की वजह से पूर्वी दिल्ली नगर निगम की आर्
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की वजह से पूर्वी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती गई। हर वर्ष सिर्फ 100 करोड़ रुपये बतौर ब्याज और 100 करोड़ रुपये मूल धन दिल्ली सरकार को चुकाना पड़ रहा है, जबकि निगम के बंटवारे के समय दिल्ली सरकार द्वारा जो राशि मिली थी उसे ग्रांट बताया गया था, लेकिन बाद में इसे लोन के रूप में तब्दील कर दिया गया। अब पूर्वी निगम की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए करीब 900 करोड़ रुपये की सहायता की जरूरत है। दैनिक जागरण से बातचीत में पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन रामनारायण दुबे ने यह बात बताई।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूर्वी निगम की आर्थिक स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब हो गई है। 18 महीनों से विधवा, विकलांग और बुजुर्गो को पेंशन नहीं मिल पा रही है, जिससे जरूरतमंद काफी तकलीफ में हैं। पूर्वी निगम द्वारा 7336 सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है। इन कर्मचारियों को करीब छह सौ करोड़ रुपये का एरियर देना है। इसके अलावा पेंशन के 80 करोड़ रुपये बकाया हैं। पूर्वी दिल्ली में कार्य करने वाले ठेकेदारों के 200 करोड़ रुपये बकाया हैं। हर माह पूर्वी निगम के 110 करोड़ रुपये वेतन में खर्च हो जाते हैं। पूर्वी निगम की दिक्कत बंटवारे के समय से ही खराब रही है। पूर्वी निगम में आय के सीमित स्रोत हैं। निगम बंटवारे के समय दिल्ली सरकार ने जो सहायता राशि दी थी, उसे बाद में लोन में तब्दील कर दिया गया, जिससे अतिरिक्त बोझ पड़ गया। आमदनी के महत्वपूर्ण स्रोत हाउस टैक्स से साल में करीब सवा सौ करोड़ रुपये ही आ पाते हैं। निगम द्वारा लगातार कोशिश की जा रही है कि अन्य स्रोतों से निगम की आमदनी बढ़ाई जाए, लेकिन जब तक दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार से बड़ी सहायता नहीं मिलती तब तक यहां की स्थिति खराब रहेगी। इस मामले में हर स्तर पर बात हुई है और सभी जगहों से आश्वासन मिला है, जिससे हालात में सुधार की पूरी गुंजाइश है।