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दिल्ली में नए साल में नई सरकार के संकेत

अजय पांडेय, नई दिल्ली चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को दिल्ली के तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव का

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 09:29 PM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 09:29 PM (IST)

अजय पांडेय, नई दिल्ली

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चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को दिल्ली के तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव का ऐलान किए जाने का सीधा-सीधा राजनीतिक निहितार्थ यही है कि भाजपा नए साल का आगाज सूबे में अपनी नई सरकार के गठन के साथ करना चाहती है। हालांकि इस मामले में अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगामी 28 अक्टूबर को केंद्र व दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में क्या जवाब देती है। यदि सरकार ने विधानसभा भंग करने के पक्ष में अपनी बात रखी तो उपचुनाव की घोषणा रद हो जाएगी और सूबे में नए सिरे से विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो दिल्ली में नए साल में नई सरकार का गठन तय है।

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने तीन विधायकों डॉ. हर्षवर्धन, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा था और तीनों को ही विजय मिली थी। इसके बाद तीनों नेताओं ने क्रमश: अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों कृष्णा नगर, तुगलकाबाद और महरौली से मई के अंत में इस्तीफा दे दिया था। नियमानुसार खाली पड़ी विधानसभा सीट पर छह महीने के भीतर चुनाव हो जाना चाहिए। लिहाजा 30 नवंबर के पहले इन सीटों पर चुनाव कराया जाना जरूरी था। इसीलिए चुनाव आयोग ने तीनों सीटों पर आगामी 25 नवंबर को मतदान कराने की घोषणा कर दी। हालांकि आयोग के सदस्यों ने यह ताकीद भी की कि यदि आगामी 28 अक्टूबर को विधानसभा को भंग करने की घोषणा हो जाती है तो उपचुनाव की घोषणा रद समझी जाएगी और पूरी दिल्ली में चुनाव होंगे।

सियासी हलकों में चर्चा है कि भाजपा के रणनीतिकार भी यह जानते थे कि चुनाव आयोग दिल्ली में उपचुनाव की घोषणा करेगा। ऐसे में यदि उन्हें दिल्ली में विधानसभा का चुनाव नए सिरे से कराना होता तो वे पहले ही विधानसभा भंग किए जाने की मांग कर सकते थे। लिहाजा, कहा यह जा रहा है कि पार्टी उपचुनाव के परिणामों के मद्देनजर अपनी रणनीति तय करेगी। इसमें ज्यादा संभावना यही है कि वह सूबे में सरकार बनाएगी। दिल्ली विधानसभा के अधिकारियों की मानें तो उपचुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता इन्हीं तीन विधानसभा क्षेत्रों के लिए लागू मानी जाएगी। यदि इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों के परिणाम भाजपा के पक्ष में आए तो उसके लिए यह कहना आसान होगा कि दिल्ली की जनता उसके पक्ष में है और उसके लिए सरकार बनाना बिल्कुल उचित है।

नतीजे तय करेंगे लोकप्रियता

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने दिल्ली में विधानसभा उपचुनावों की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि उपचुनाव के परिणाम यह तय कर देंगे कि दिल्ली में किसकी कितनी लोकप्रियता है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा कभी भी चुनाव से भागती नहीं, डटकर उसका सामना करती है।

चुनाव के लिए तैयार : कांग्रेस

उपचुनाव की घोषणा का स्वागत करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि वह चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। लेकिन पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने यह भी कहा कि उपचुनावों की घोषणा से यह साबित हो गया है कि भाजपा दिल्ली में चुनाव कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाई और चुनाव में उतरने से पीछे हट गई है।

चुनाव से डर गई भाजपा : सिसोदिया

दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने उपचुनाव की घोषणा को लेकर कहा है कि भाजपा चुनाव से डर गई है। उन्होंने कहा कि लोकसभा के बाद दो राज्यों में मिली जोरदार जीत के बावजूद भाजपा इसलिए दिल्ली में चुनाव नहीं कराना चाहती क्योंकि उसे मालूम है कि ईमानदारी का मुकाबला करना आसान नहीं होता।


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