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बाजार दे रहे हादसों को न्योता

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दीपावली पर राजधानी में आगजनी की किसी भी घटना से निपटने के लिए दिल्ली

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 11:34 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 11:34 PM (IST)
बाजार दे रहे हादसों को न्योता

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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दीपावली पर राजधानी में आगजनी की किसी भी घटना से निपटने के लिए दिल्ली अग्निशमन विभाग खुद को सक्षम बता रहा है। विभाग के मुताबिक, हर चार घंटे के भीतर दमकलकर्मियों की टीम अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त कर रही है। संकरी गलियों के लिए फायर जेट के साथ मोटरसाइकिल सवारकर्मी, इनोवा व जायलो वाहनों में आग बुझाने के साधनों समेत कर्मियों को पहले से ही बाजारों में तैनात कर दिया गया है। दीपावली की रात राजधानी में 2500 अधिकारी व कर्मचारी तैनात होंगे।

लेकिन दूसरी तरफ पटाखा बाजारों हादसों को न्योता दे रहे हैं। क्योंकि यहां आग से बचने के लिए तय मानकों का पालन नहीं हो रहा है। जिससे कभी भी फरीदाबाद (दशहरा ग्राउंड) जैसा हादसा हो सकता है।

तय मानकों का उड़ रहा मखौल

राजधानी में करीब 1200 दुकानों को इस बार पटाखा बेचने का लाइसेंस दिया गया है। हर बाजार में करीब 60 से 65 दुकानें हैं। विभाग कितने भी दावे करे लेकिन जामा मस्जिद, मेन सदर बाजार, कुतुब रोड आदि बाजारों में तय मानकों को पूरा नहीं किया जा रहा है। यहां दुकानों के आगे बढ़ाकर पटाखे रखे हुए हैं। पर्याप्त मात्रा में रेत, पानी व आग बुझाने के उपकरण नहीं हैं।

यह हैं विभाग के दावे

अग्निशमन विभाग के मुताबिक, दीपावली की रात राजधानी में कुल तैनात 2500 अधिकारी व कर्मचारियों में से 1200 फायर फाइटर हैं, जो सड़कों पर चौबीस घंटे रहेंगे। दिल्ली में 40 अस्थायी फायर पोस्ट बनाए गए हैं। जहां हमेशा दमकलकर्मी आगजनी की घटना होते ही उसे नियंत्रित करने में जुट जाएंगे और फिर मदद के लिए समीपवर्ती दमकल स्टेशन से संपर्क करेंगे।

दोगुनी हो जाती है कॉल

आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो आम दिनों में राजधानी में आग लगने की 40 से 50 कॉल होती हैं। लेकिन दीपावली की रात यह संख्या बढ़कर दोगुनी हो जाती है। वर्ष 2013 को दीपावली की रात कुल 177 घटनाएं हुई थी। वहीं, 2012 में यह संख्या 184 थी और 2011 में आग लगने की 206 घटनाएं हुई थी। अधिकारियों का दावा है कि जागरूकता के चलते आग लगने की घटनाओं में कमी आ रही है।

बाक्स के लिए

यह है नियम

- सौ किलो से अधिक पटाखे रखकर बेचने पर दिल्ली पुलिस के पास पटाखे बेचने के लाइसेंस के लिए आवेदन करना पड़ता है।

- फायर विभाग केवल पटाखे बेचने के दौरान दुकानदारों द्वारा तय मानकों का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी जांच कर एनओसी देता है।

- लाइसेंसी प्राप्त करने के लिए दुकान व्यवसायिक बाजार में होनी अनिवार्य है।

- दुकान कम से कम नौ वर्गमीटर व अधिक से अधिक पच्चीस वर्गमीटर की होनी चाहिए।

- दुकान का लाइसेंस अठारह साल से कम व्यक्ति के नाम पर जारी नहीं होता है।

- दुकान भूतल पर होगी और उसके आसपास सीढि़या या लिफ्ट न हो।

- दुकान में आवाजाही के लिए अलग से रास्ता होना चाहिए।

- दुकान के आगे सड़क करीब 15 मीटर हो जिससे आग बुझाने के वाहन वहां पहुंच सके।

- हर दुकान के आगे एक गार्ड होना चाहिए।

- दुकानों के बाहर बीड़ी-सिगरेट न पीने आदि आग से बचने व सावधानी बरतने के बारे में लिखे दिशा-निर्देश के बोर्ड लगें हो।

- बाल्टियों में रेत व पानी रखा होना अनिवार्य है।

- फायर फाइटिंग उपकरण होना अनिवार्य है।

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यह सावधानी बरतें

- घर के बरामदे अथवा छत पर पटाखे न जलाए।

- यदि बच्चे पटाखे चला रहे हो तो उनके साथ बड़े हमेशा रहे।

- पटाखे जलाते हुए अपने साथ पानी व रेत से भरी बाल्टी जरूर रखें

- पर्दे के पास दीये न रखें

- पटाखे खुले मैदान में चलाएं। इससे दुर्घटना की संभावना कम रह जाती है।

- बिजली की लाइटें लगाते समय घरों में लगे फ्यूज की जांच कर लें।

- किसी व्यक्ति को आग लगने पर कंबल या चादर डालकर उसे जमीन में लेटा दें।

- पटाखों के आसपास बीड़ी-सिगरेट न पीएं।

- पटाखों के आसपास मोमबत्ती व दीये जलाकर न रखें।

- अनार व रॉकेट हाथ में न जलाएं।

कोट् -----------------

दीपावली की रात विभाग द्वारा आगजनी से बचने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। सभी कर्मचारियों व अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। अस्थायी पोस्ट बनाई गई हैं। संकरी गलियों के लिए मोटरसाइकिल व कारें हैं।

- राजेंद्र अटवाल, एडीओ, अग्निशमन विभाग


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