देखो झाड़ू वाले बाबा आ गए
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : आसमानी रंग का कुर्ता, उसके ऊपर सफेद सदरी, हाथ में लंबी झाड़ू और निश
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
आसमानी रंग का कुर्ता, उसके ऊपर सफेद सदरी, हाथ में लंबी झाड़ू और निशाने पर चारों ओर फैली गंदगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह अंदाज देखकर वाल्मीकि बस्ती में मौजूद बच्चों के मुंह से अपने आप ही निकल गया देखो झाड़ू वाले बाबा आ गए।
सुबह करीब साढ़े आठ बजे जब मोदी वाल्मीकि बस्ती और मंदिर मार्ग थाने के अंदर झाड़ू लगाकर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कर रहे थे तो उन्हें बच्चे चाव से देख रहे थे। प्रधानमंत्री को झाड़ू लगाते देखकर वहां मौजूद आठवीं की छात्रा सीमा ने कहा, वह झाड़ू वाले बाबा हैं और गांधी जी के जन्मदिन पर देश में सफाई की अलख जगा रहे हैं।
छात्राओं को दिया आटोग्राफ
मोदी ने कार्यक्रम के बाद टोपी पहनी छात्राओं को एक-एक कर आटोग्राफ दिया और उनसे बातचीत की। उन डेढ़ सौ छात्राओं के लिए यह अविस्मरणीय क्षण था। ये मोदी द्वारा तैयार 'स्वच्छ भारत अभियान' की पहली सेना है, जिनके छोटे कंधों पर देश को स्वच्छ रखने का जिम्मा दिया गया है। गांधी जयंती पर इस कार्यक्रम के जरिये मोदी से मिलने के लिए एनपी बंगाली गर्ल्स स्कूल की इन छात्राओं में जबरदस्त उत्साह था।
समाजसेवा के लिए प्रेरित किया और दिया आशीर्वाद
मिस्टर प्राइममिनिस्टर से मिलने के बाद निधि ने मोदी के हस्ताक्षर वाली टोपी दिखाते हुए कहा कि पीएम ने मेरे कहने पर तुरंत मुझे आटोग्राफ दिया और मुझसे पूछा कि मैं भविष्य में क्या करना चाहती हूं। 11वीं की छात्रा अनीता ने बताया कि मोदी जी ने मुझसे भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें बताया कि मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं। पीएम ने मुझे सफल होने का आशीर्वाद दिया। साथ ही मुझे समाजसेवा के लिए भी प्रेरित किया।
छात्राओं के साथ मौजूद अध्यापिका गीता शर्मा ने बताया कि मोदी ने बच्चों से गांधी जी के बारे में सवाल किए। छात्राओं से स्वच्छता के बारे में उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में पूछा। पूछा कि कैसे देश को स्वच्छ बना सकते हैं। छात्रा संतोष ने बताया कि मोदी ने स्वच्छता की शपथ दिलाई है और इसके लिए घरवालों को भी जागरूक करने को कहा। छात्रा भारती सिंह ने कहा कि वह आज के बाद आस-पास की गलियों-सड़कों को साफ रखने के लिए लोगों को जागरूक करेगी।
सुरक्षा व्यवस्था ने डाला खलल
पीएम से मिलने की उत्सुकता सिर्फ इन बच्चों में ही नहीं थी बल्कि दूरदराज से भी लोग मोदी को देखने आए थे। मोदी की एक झलक पाने की ललक प्रवीण कुमार को आइपी एक्सटेंशन से मंदिर मार्ग तक खींच लाई। वह सुबह सात बजे यहां पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें मायूस लौटना पड़ा। क्योंकि उनके समेत दर्जनों लोगों को काफी पहले ही बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया था। सुरक्षा घेरे के कारण मोदी दिखाई नहीं पड़े। पटेल नगर से आए सोहन सिंह ने कहा कि मोदी का नजरिया काफी अच्छा है। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इससे लोगों की सोच में बदलाव आएगा।
समर्थकों व विरोधियों में बनी झड़प की स्थिति
वाल्मीकि मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान उनके समर्थकों और विरोधियों में झड़प की स्थिति भी बनी। अखिल भारतीय नारी रक्षा मंच के 12 से अधिक कार्यकर्ता जहां झाड़ू लेकर अभियान के समर्थन में सफाई करने पहुंचे थे, वहीं अखिल भारतीय सफाई कामगार परिषद के 12 पदाधिकारी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग को लेकर मोदी गो बैक का नारा लगाते हुए कार्यक्रम स्थल तक जाने की कोशिश करते देखे गए। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया, लेकिन बैरिकेड के पास ही मोदी समर्थकों और कथित विरोधी मजदूर संगठन में झड़प की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि, मोदी समर्थक विरोध के बजाए सफाई अभियान में जुट गए। इससे मामला ठंडा पड़ गया।
गदगद हैं वाल्मीकि बस्तीवासी
प्रधानमंत्री तो कई आए, लेकिन वाल्मीकि बस्ती के लोगों को नरेंद्र मोदी जैसा अपनापन पहले कभी नहीं मिला। यह कहना था वाल्मीकि बस्ती के तरुण का। उन्होंने कहा कि मोदी ने खुद बस्ती में झाड़ू लगाया और हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। पहले इस बस्ती ने ऐसा नजारा कभी नहीं देखा था, जब देश का प्रधानमंत्री उनके यहां झाड़ू लगाने आया हो। लोग अपने मोबाइल में इस यादगार पल को कैद कर रहे थे। किसी ने वीडियो बनाई तो किसी ने मोदी का झाड़ू लगाते फोटो खींचा। वाल्मीकि बस्ती में रहने वाले विकास ने कहा कि बस्ती को वैसे भी दोयम दर्जे के रूप में देखा जाता है। ऐसे में मोदी ने यहां से सामाजिक समरसता और एकता का जो संदेश दिया है, उससे निश्चित ही समाज की सोच में व्यापक परिवर्तन आएगा।
मंदिर से जुड़ी बापू की यादों की ली जानकारी
वाल्मीकि मंदिर परिसर में मोदी अधिकांश समय शांतचित रहे। वह करीब पौना घंटा मंदिर परिसर में रहे। यहां पहुंचने के बाद सबसे पहले उन्होंने वाल्मीकि मंदिर में जाकर वंदना की। फिर उस कमरे में गए जहां महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन के दौरान 214 दिन बिताए थे। बापू के कमरे में लगीं उनकी तस्वीरों व वहां रखे सामान को ध्यान से देखते रहे। उन्होंने मंदिर के पुजारी कृष्ण शाह विद्यार्थी से महात्मा गांधी के प्रवास के विषय में जानकारी ली। पुजारी ने बताया कि मोदी बापू से मंदिर से जुड़ीं बापू की यादों और मंदिर के इतिहास को लेकर जिज्ञासा जताते रहे। फिर धुने वाले बाबा और सजत शाह की समाधि पर पुष्प चढ़ाया। उसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर में चबूतरे पर रखी बापू की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और वहीं बैठ गए।