निगम स्कूलों में सुधारा जाएगा पढ़ाई का स्तर
ऋषिपाल टोंकवाल, पश्चिमी दिल्ली
करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता में सकारात्मक सुधार देखने को नहीं मिल रहा। इसको देखते हुए शिक्षा समिति ने निगम स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का बीड़ा उठाया है। शिक्षा समिति ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत निगम स्कूलों में पढ़ाई के स्तर में सुधार लाने का निर्णय किया है। इसके तहत गैर सरकारी संस्थाओं को निगम स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस योजना के तहत शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाएं दो वर्ष तक बिना कोई आर्थिक मदद लिए स्कूल को चलाएंगी।
इस योजना को कानूनी तरीके से लागू करने केलिए शिक्षा समिति ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव मंगलवार को होने वाली समिति की बैठक में पेश किया जाएगा। पास होने पर यह कानून का रूप ले लेगी।
शिक्षा समिति के चेयरमैन ने किया था मुबंई का दौरा
निगम स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा समिति के चेयरमैन आशीष सूद ने कुछ गैर सरकारी संस्थाओं के साथ पिछले हफ्ते मुंबई का दौरा किया था। वहां पीपीपी मॉडल के तहत संस्थाएं स्कूलों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए काम कर रही हैं। गुजरात और हरियाणा में भी यह मॉडल काफी प्रचलित हो रहा है।
दो वर्ष तक संस्था अपने खर्च पर चलाएगी स्कूल
पीपीपी मॉडल के तहत गैर सरकारी संस्था बिना आर्थिक मदद लिए स्कूल को चलाएगी। इनमें ऐसे स्कूल शामिल होंगे जिनमें बच्चों की संख्या कम है। बच्चों की संख्या बढ़ाने में सरकारी स्कूल सफल नहीं हो रहा है। यह संस्था स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाकर स्कूल को सही तरह से चलाएगी।
अंग्रेजी की पढ़ाई पर दिया जाएगा ज्यादा जोर
यदि यह प्रस्ताव शिक्षा समिति की बैठक में पास हो जाता है तो ऐसे स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा पर अधिक जोर रहेगा।
स्कूल में संस्था करेगी पूरा इंतजाम
जिन स्कूलों को गैर सरकारी संस्था के तहत सौंपा जाएगा, उनमें शिक्षक से लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संस्था की होगी। निगम की तरफ से केवल मिड डे मील की व्यवस्था के अलावा बिजली व पानी की आपूर्ति की जिम्मेदारी होगी।
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मैं खुद अपने खर्च पर कुछ गैर सरकारी संस्थाओं के सदस्यों के साथ मुंबई गया था। वहां कुछ संस्थाएं ऐसे स्कूलों को चलाने का काम कर रही हैं। ये स्कूल अन्य स्कूलों के मुकाबले अच्छा परिणाम दे रहे हैं। इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। मंगलवार को शिक्षा समिति की बैठक में यह पेश किया जाएगा। पास होने पर संस्थाओं को स्कूल उपलब्ध कराए जाएंगे। यह मॉडल गुजरात, हरियाणा और मुंबई में काफी प्रचलित है। इसके लागू होने से निश्चित रूप से निगम स्कूलों में पढ़ाई का स्तर में सुधार होगा।
-आशीष सूद, चेयरमैन, शिक्षा समिति, एसडीएमसी।