बिना दवा के 11 लाख मरीजों का हुआ इलाज!
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
उत्तरी नगर निगम में बिना दवा के ही 11 लाख मरीजों का इलाज कर दिया गया। यह मामला वर्ष 2012-13 का है। उस दौरान निगम के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी औषधालयों में करीब 11 लाख मरीजों का इलाज किया गया है, लेकिन आयुष विभाग के मुताबिक उस दौरान दवा की खरीद ही नहीं हुई है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में विपक्ष के नेता मुकेश गोयल ने इसे चौकाने वाला बताते हुए कहा कि इसमें बड़ा घोटाला हुआ है। जिसकी सतर्कता विभाग से जांच होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि हैरान करने वाली बात यह है कि उस वित्तीय वर्ष में आयुक्त द्वारा प्रस्तुत बजट में करीब 32 लाख रुपये की दवा खरीद दिखाई गई है। दवा उन कंपनियों से खरीदी गई है जिनको बहुत कम लोग जानते हैं।
गोयल ने बताया कि आयुष विभाग द्वारा उनको दिए जवाब में वर्ष 2012-13 में आयुर्वेदिक अस्पतालों व औषधालयों में 3,91,594, होम्योपैथिक में 3,05,782ं और यूनानी औषधियों में 3,87,431 रोगियों के इलाज का आंकड़ा दिया गया है। जबकि विभाग द्वारा 2012-13 में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी औषधियों की खरीद पर एक रुपये भी व्यय नहीं करना बताया गया है।
उन्होंने कहा कि यह असल में बड़ा दवा घोटाला है। विभाग कहता है कि दवा की खरीद नहीं हुई है जबकि आयुक्त द्वारा पेश बजट में उस दौरान दवा खरीद की बात कही गई है। उन्होंने बताया कि उस वित्तीय वर्ष में आयुक्त द्वारा प्रस्तुत बजट में करीब 22 लाख रुपये की दवा खरीद दिखाई गई है। इसी तरह 2013-14 में भी 24,96000 व 24,65000 की भी दवा खरीदी गई है। गोयल ने कहा कि 25 लाख तक की दवा खरीद आयुक्त के अधिकार क्षेत्र में आती है। लेकिन मामले की सतर्कता विभाग से जांच कराना जरूरी है।